अधिवक्ता ने स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिख पीएचसी के लिए की मांग

Update: 2017-04-30 16:41 GMT
प्रतीकात्मक फोटो।

विपिन तिवारी,स्वयं कम्यूनिटी जर्नलिस्ट

उन्नाव। प्रदेश सरकार के आदेश के बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं सुधरने का नाम नहीं ले रही हैं। बांगरमऊ तहसील क्षेत्र के कई गाँवों की करीब पचास हजार से अधिक की आबादी को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ पाने के लिए कई किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है।

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जरूरतमंदों को आसानी से स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सके इसके लिए हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता ने पहल की है। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह को पत्र भेजकर क्षेत्र में एक पीएचसी की स्थापना को मंजूरी देने की मांग की है। ब्लाक मुख्यालय बांगरमऊ से करीब छह किलोमीटर दूरी पर स्थित जामड़, जिरिकपुर, कमलापुर, सकरौली, परशुरामपुर, उमरिया, शिवपुरी, दौलतपुर व चाहलहा सहित कुल 16 राजस्व ग्राम तथा 45 मजरे जुड़े हुए हैं।

इसी में न्याय पंचायत माढापुर भी है। इन सभी राजस्व गाँव और नगरों की कुल आबादी पचास हजार से भी अधिक है। इस न्याय पंचायत से ग्राम जगत नगर की पीएचसी करीब एक किलोमीटर तथा फतेहपुर चौरासी की पीएचसी करीब 15 किलोमीटर दूर है। त्वरित चिकित्सा सुविधा न मिल पाने से इन सभी गाँवों के लोगों की काफी परेशानी होती है। ऐसे में हाईकोर्ट लखनऊ के वरिष्ठ अधिवक्ता फारूक अहमद ने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सहित कई आला अफसरों को पत्र भेजकर इस न्याय पंचायत पर पीएचसी स्थापित किए जाने की मांग उठाई है।

क्षेत्र के ही ग्राम अम्बपरा निवासी हाईकोर्ट लखनऊ के वरिष्ठ वकील अहमद द्वारा प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह को भेजे पत्र में कहा गया है कि यहां के बाशिंदों के लिए पीएचसी की स्थापना की बहुत आवश्यकता है। अधिवक्ता अहमद ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा बीते 12 दिसंबर 2014 को आदेश पारित किया गया था कि ऐसे प्रमुख गाँव अथवा क्षेत्र में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना की जाए जहां पांच किलोमीटर क्षेत्र में सरकारी चिकित्सा सुविधा का अभाव हो। शासन के आदेश के बावजूद सरकार द्वारा चिकित्सा सुविधा से वंचित ग्राम माढापुर क्षेत्र में अभी तक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्थापित नहीं किया जा सका है।

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