इस घटना के बाद केजीएमयू के रेज़िडेंट डॉक्टर जा सकते हैं हड़ताल पर

Update: 2017-04-03 13:42 GMT
केजीएमयू के रेज़िडेंट डॉक्टर के साथ हुी बदसलूकी।

लखनऊ। एक बार फिर रेज़िडेंट डॉक्टरों की सुरक्षा पर मुद्दा उठा है। उत्तर प्रदेश के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में रविवार को एक जूनियर रेज़िडेंट डॉक्टर को पीटा गया। रात के लगभग 1 बजे मरीज के तीमारदार ने डॉक्टर और उसके साथियों की पिटाई की और बाद में उसे धमकाया भी।

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केजीएमयू में जनरल सर्जरी विभाग में कार्यरत भूपेन्द्र शर्मा ने चौक पुलिस थाना क्षेत्र के प्रभारी निरीक्षक को अपनी सुरक्षा के संबंध में एक पत्र लिखा। दरअसल यह मामला है विभाग में JR-1 की पोस्ट पर काम करने वाले भूपेन्द्र शर्मा और अस्पताल में इलाज कराने आए एक मरीज के तीमारदार के बीच की गई बदसलूकी और मारपीट का।

भूपेन्द्र शर्मा का कहना है कि सर्जिकल वॉर्ड में शुक्रवार को सुशीला अपने पति जगन्नाथ प्रसाद गुप्ता के साथ इलाज के लिए अस्पताल आई थी। दिन में उसे अस्पताल में भर्ती किया गया। भर्ती करने के एक दिन बाद, सुशीला के इलाज के दौरान ही उसके साथ आए तीमारदार शिवनाथ गुप्ता ने शिकायतकर्ता (भूपेन्द्र शर्मा) के काम में दखल दिया और काम में लगातार रुकावट डालते रहे। जब भूपेन्द्र शर्मा ने इस तरह की हरकत के लिए उन्हें मना किया तो मामला बिगड़ गया।

तीमारदार को रोकने पर उन्होंने भूपेन्द्र शर्मा के साथ बदसलूकी की। जब शिकायकर्ता को बचाने के लिए उनकी टीम के सदस्य आगे बढ़े तो तीमारदार ने उनसे भी बदसलूकी की। भूपेन्द्र शर्मा के साथ उनके भाई और साथ पढ़ने वाले आदर्श भी थे। इतना ही नहीं, बात हाथापाई और मारपीट पर आ गई। इसके बाद भी बात यहीं नहीं थमी। तीमारदार के परिवार वालों ने भूपेंद्र शर्मा को किसी परिचित मंत्री के नाम पर चेतावनी तक दे डाली।

पीड़ित डॉक्टर ने बताया कि तीमारदार की तरफ से अभी तक उन्हें डराया जा रहा है और जान से मारने की धमकी लगातार दी जा रही है। इसलिए उन्होंने थानाक्षेत्र के निरीक्षक से सुरक्षा मांगी है और कहा है कि इस घटना को संज्ञान में लेकर इस पर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए।

वहीं रेज़िडेंट डॉक्टर एसोसिएशन का कहना है कि अगर रेज़िडेंट डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो आगे चलकर डॉक्टर हड़ताल पर भी जा सकते हैं। इस तरह की घटना पहली बार नहीं हुई है। इससे पहले भी रेज़िडेंट डॉक्टरों पर हमला हो चुका है और बात उनकी जान पर चुकी है। इसी के चलते एसोसिएशन ने शासन से डॉक्टरों की उचित सुरक्षा की मांग की है और ऐसा न होने पर हड़ताल के लिए शासन को आगाह किया है।

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