लखनऊ। ताबड़तोड़ खुलासे करने वाली शहर कप्तान मंजिल सैनी ने कितने भी खुलासे कर लिए हो लेकिन शहर में हुई ऐसी बड़ी वारदातें जिन्होंने हड़कंप मचा दिया उनके खुलासे पर आज भी सवालिया निशान लगे हुए है। पूर्व एसएसपी यशस्वी यादव और फिर राजेश पांडेय ने शहर की कमान संभाली जिनके सामने इन बड़ी वारदातों का खुलासा करना एक चुनौती था लेकिन वे सफल नही रहे। सब मंजिल ने शहर की कमान संभाली तभी ये चर्चाएं होने लगी थी की एसएसपी कितनी तेज तर्रार छवि की है।
ईटावा में तैनाती के दौरान एक नेता को सबक सिखाकर लेडी सिंघम के नाम से मशहूर मंजिल सैनी ने कुर्सी संभालने के बाद से ही ताबड़तोड़ खुलासे किए। लेकिन इन सभी के बीच शहर में आने से पहले मंजिल सैनी के सामने कई ऐसी बड़ी वारदाते चुनौती के रूप में थी जिन्हें सुलझाने के उन्होंने दावे किए थे। हालांकि ऐसी संवेदनशील वारदातों को खोल पाने में फ़िलहाल लेडी सिंघम मंजिल सैनी भी नाकाम नजर आ रही है।
इन वारदातों की अनसुलझी है गुत्थी
राजधानी में वैसे तो तमाम वारदाते है जो फ़िलहाल सुलझ नही पायी है। लेकिन इन वारदातों के बीच भी कुछ ऐसी वारदाते है जिन्होंने पूरे शहर को दहला दिया था और उनकी गुत्थी अभी तक अनसुलझी है। राजधानी के विकासनगर क्षेत्र में हुए पुष्पजीत हत्याकांड में पुलिस खाली हाथ है। विदित हो माफिया मुन्ना बजरंगी के शाले अधिवक्ता पुष्पजीत और उनके साथी की शूटर्स ने गोली मारकर उस वक्त हत्या कर दी थी जब पुष्पजीत अपने दोस्त संग जा रहे थे।
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इसके अलावा दिसंबर 2015 में आईआईएम रोड मड़ियांव इलाके में दो महिलाओं के धड़ मिलने से सनसनी फैल गई थी। मामला तब अधर में आकर अटक गया जब डीएनए जांच के नाम पर ही यह मामला ठन्डे बस्ते में पड़ गया और डीएनए रिपोर्ट आज तक नही आ पायी है। जानकीपुरम के रसूलपुर कायस्थ गाँव में डकैती और डकैती के दौरान अनिल वर्मा की हत्या पर आज भी सवालिया निशान बरकरार है और इस डकैती की वारदात से कुछ दिन पहले ही आधाड़खेड़ा गाँव गुडंबा में हुई डकैती भी आज तक अनसुलझी है। वही जानकीपुरम की रहने वाली उन्नति का शव पांच दिन बाद मुख्यमंत्री आवास और डीजीपी कार्यालय के पास मिलने के मामले में भी पुलिस की लापरवाही के चलते गुत्थी आज तक अनसुलझी है।
क्यू नहीं होते ये दागी टश से मश
राजधानी में ग्रामीण इलाके में अपराध चरम सीमा पर है।लगातार डकैती,चोरी,बलात्कार ,हत्या ,लूट की वारदाते बढ़ती जा रही है।अपराध बढ़ता देख बड़े कप्तान तुरन्त थाना प्रभारियों को सस्पेन्ट,या लाईन हाजिर कर देते है।जब की उसी थाने में बर्षो से तैनात सिपाही,ड्राइवर,व दारोगा को नहीं हटाया जाता है। सूत्र बताते है।कि चिनहट के क़स्बा चौकी पर तैनात सिपाही नीरज मालवीय जो की ठेलो,खुम्चो,व डग्गामार वाहनों से मन चाहा रुपया वसूलने के साथ ही अवैध खनन में भी माहिर है।उक्त कांस्टेबल का कार्यकाल पूरा हो चुका है फिर भी मजबूत पकड़ रखने वाले अपनी जगह से टश से मश नही होते और अपराधियों से साठ गाँठ कर उन का हौसला बढ़ाते रहते है।
इसी तरह सआदतगंज थाने में भी श्रवण साहू हत्याकाण्ड के बाद उसके परिजनों ने ही मांग की कि थाने के पुलिसकर्मियों को भी बदला जाये नही तो वे उन्हे न्याय नही मिलने देंगे,काफी ज्यादा फजीहत के बाद एसएसपी ने एसओ को तो हटा दिया पर थाने पर तैनात सिपाही व दरोगा अब भी वही हैं। इसी तरह मडियांव में डा.अय्यूब पर रेप का आरोप लगने के बाद थाने की पुलिस पर मामले में ढिलाई करने का आरोप लगा पर अधिकारी मौन रहे फिर पान खाते पकड़े जाने पर एसएसपी ने उन्हे तो हटाया पर थाने का बाकी स्टाफ वही है।
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