लाखों रूपए का बजट, मेरठ कांजी हाउस में पशुओं के लिए चारा-पानी तक नहीं  

Update: 2017-12-26 13:20 GMT
फाइल फोटो।

पशु क्रूरता को लेकर सुप्रीम कोर्ट और सरकार भले ही गंभीर हो, लेकिन नगर निगम प्रशासन लापरवाह है। ये लापरवाही नगर निगम के कांजी हाउस में देखी जा सकती है। यहां पर पशुओं के लिए न तो कोई उचित स्थान है, और न ही चारा-पानी का कोई प्रबंध। ऐसे में वहां बंद पशुओं को छोड़े जाने तक भूखे ही रहना पड़ता है। जबकि नगर निगम से पांच लाख रूपए प्रति वर्ष खर्च का इंतजाम है।

ये भी पढ़़ें: सॉफ्टवेयर इंजीनियर की हाईटेक गोशाला: A-2 दूध की खूबियां इनसे जानिए

बदहाल कांजी हाउस

मेरठ में सुरजकुंड स्थित कांजी हाउस की हालत बद से बदतर है। मुख्य गेट और पशुओं के पीने के पानी की टंकी टूटी पड़ी है। पशुओं को रखने के लिए टीन शेड तो है, लेकिन कई जगह से टूटा पड़ा है। जिसमें सर्दियों में पशुओं की हालत निश्चित रूप से खराब हो जाएगी। परिसर में बना भूसा-चारा रखने का हॉल पूरी तरह खाली है। तैनात कर्मचारी का कहना है कि पशुओं को जंगल में जाकर ही अपना पेट भरकर वापस आना पड़ता है। कांजी हाउस में तीन कर्मचारी होने अनिवार्य हैं, लेकिन इस कांजी हाउस पर महज एक चौकीदार ही तैनात है।

भूल गए कान्हा पशु आश्रय योजना

सुप्रीम कोर्ट ने बीते साल एक रिट के बाद पशु क्रूरता को खत्म कराने के लिए अत्याधुनिक कांजी हाउस निर्माण कराने के निर्देश दिए थे। इसके बाद तत्कालीन प्रदेश सरकार ने कान्हा पशु आश्रय योजना संचालित की थी, लेकिन उसका आज तक क्रियांवयन नहीं हो सका। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश भी फाइलों में दबकर रह गए।

पशु पालन से जुड़े हैं तो ये देखिए

Full View

यह कांजी हाउस नगर पालिका के समय का बना हुआ है। हम आवारा पशुओं को पकड़कर लाते हैं, साथ ही उनके लिए चारे की भी व्यवस्था करते हैं। कान्हा आश्रय योजना की उन्हे जानकारी नहीं है।
डॉ. कुंवर सेन, नगर स्वास्थ्य अधिकारी

निगम की होती है चारे-पानी की जिम्मेदारी

कांजी हाउस में आने प्रत्येक पशु के चारे-पानी की जिम्मेदारी नगर निगम की होती है। इसके लिए निगम मूल बजट में ही व्यवस्था करता है। प्रत्येक वर्ष नगर निगम बोर्ड बैठक में कांजी हाउस के लिए पांच लाख रूपए की व्यवस्था भी करता है, लेकिन सारा पैसा संबंधित अधिकारियों के जेब में चला जाता है। सिर्फ दिखावे के लिए गेहूं के सीजन में एक या दो कुंतल भूसा डाला जाता है। इसके बाद पशुओं को राम भरोसे छोड़ दिया जाता है।

मेरठ नगर निगम महापौर सुनीता वर्मा कहती हैं, “बिगड़ी व्यवस्थाओं को धीरे-धीरे देखा जा रहा है। साथ ही ठीक भी कराया जा रहा है। कान्हा आश्रय योजना का अभी उन्हे पता नहीं है, यदि वास्तव में इस तरह की कोई योजना है तो उसकी तहत कांजी हाउस में व्यवस्थाएं कराई जाएंगी।

ये भी पढ़ें : आवारा कुत्तों से होती है पशुओं में जानलेवा बीमारी

मिलनी चाहिए ये सुविधाएं

  • कान्हा आश्रय के योजना के तहत सभी कांजी हाउस में ये सुविधा होनी जरूरी है।
  • कांजी हाउस में पशुओं के रहने के लिए अलग-अलग शेड
  • पीने के पानी की उचित व्यवस्था
  • पशुओं के भूसा यानि चारा हर समय होना चाहिए, साथ ही उसकेा रखने की भी उचित व्यवस्था हो
  • कांजी हाउस के अंदर ही बायो गैस प्लांट
  • शेड के उपर सौर उर्जा प्लांट से पेयजल व प्रकाश व्यवस्था
  • कर्मचारियों के रहने के लिए एक आवास और एक ऑफिस
  • पशुुओं के उपचार के लिए पशु चिकित्सक की व्यवस्था

Similar News