हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी नहीं हो रहा गन्ने का भुगतान : वीएम सिंह

Update: 2019-02-15 11:18 GMT

लखनऊ। प्रदेश भर के किसान आज गन्ना भुगतान न होने पर राजधानी लखनऊ में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस रैली में हजारों किसान शामिल हुए हैं।

इस दौरान राष्ट्रीय किसान मजूदर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार वीएम सिंह ने कहा, "जब भी किसान आता है तो मंत्री जी चले जाते हैं, आज लखनऊ में किसान आ रहे थे तो गन्ना मंत्री दिल्ली चले गए। अब जो भी अधिकारी आएगा हमको जवाब देगा।"

उन्होंने आगे कहा, "इस समय प्रदेश में सबसे बड़ी समस्या जानवरों की है, फसल का रेट नहीं मिलता है। किसी तरह किसान फसल तैयार भी कर ले तो रातों-रात उसके हार्वेस्टिंग का काम ये जानवर कर देते हैं। रात भर किसान चौकीदार कर रहा है। इसका इलाज कांजी हाउस नहीं है कितने कांजी हाउस बनाओगे।


उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शपथ लेते ही कहा था कि प्रदेश के गन्ना किसानों का भुगतान हर हाल में 14 दिनों में किया जाएगा, लेकिन वादा ज्यादा असरदार होता नहीं दिख रहा। आंकड़ों पर गौर करें तो चीनी मिलों ने अभी भी किसानों के 6,830 करोड़ रुपए रोक रखे हैं।

वहीं मुजफ्फरनगर जिले की ही पीनना गाँव से आए किसान सुमित मलिक बताते हैं "चीनी मिल से भुगतान कभी समय पर नहीं मिलता है, किसी दुकानदार से कुछ ख़रीदने जाओ तो वो नक़द में ख़रीदना पड़ेगा, यहां तो किसान की मेहनत से उगाई फ़सल उधार पर जाती है। सरकार ने कह तो दिया, किसान की आय दोगुनी कर देंगे, ऐसे ही पैसे नहीं मिलेंगे तो क्या आय दोगुनी होगी।"

गन्ना किसानो की मांग है की उनका बाकया भुगतान जल्द से जल्द हो, लेकिन काफी सारे चीनी मिल भुगतान करने में असमर्थ रही है। गन्ना नियंत्रण अधिनियम 166 के अनुसार, गन्ने के क्रशिंग के बाद किसानों को 14 दिनों के भीतर एफआरपी भुगतान करना जरूरी होता है।


वीएम सिंह ने आगे कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि हर ग्राम पंचायत से कम से कम एक गन्ना किसान विरोध में शामिल हो। हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद राज्य सरकार किसानों को ब्याज चुकाने में असमर्थ रही है।

बिजनौर के करनपुर गाँव से आए किसान अजब सिंह ने पांच एकड़ में गन्ना लगाया है। वो बताते हैं, "न तो पिछले साल के गन्ने का भुगतान हुआ और न ही इस बार का, हम किसानों को और क्या चाहिए समय से पेमेंट मिल जाए।

ये हैं राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन की मांगें....

  • घाटमपुर कानपुर नगर के विद्यूत पावर प्लांट के किसानों को सर्कल रेट का चार गुना मुआवजा दिया जाए और प्लांट में जमीन जाने वाले परिवार के सदस्य को नौकरी व अन्य सुविधाएं दी जाएं।
  • प्लांट में काम करने वाले श्रमिकों को मानक में तय मजदूरी और अन्य सुविधाएं न देकर उनका शोषण किया जा रहा है और शोषण का विरोध करने पर काम से बाहर कर दिया जाता है और मजदूरी कम और काम अधिक लिया जाता है।
  • महोबा के अर्जुन सहायक परियोजना में प्रभावित किसानों को शासनादेशानुसार चार गुना मुआवजा व अन्य सुविधाएं दिलाई जाएं।
  • पूर्व जिला अध्यक्ष हमीरपुर निरंजन राजपूत और अन्य किसानों पर लगाए मुकदमें वापस लिए जाएं।
  • गन्ना किसानों का बकाया भुगतान अविलंब मय ब्याज दिया जाए।
  • आवारा जानवरों व जंगली जानवरों से फसलों की सुरक्षा के लिए प्रभावी आवश्यक कार्यवाही की जाए। 

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