प्रशासन के कड़े रुख के चलते पेट्रोल पंप मालिकों ने वापस ली हड़ताल, पंपों पर लगी भीड़

Update: 2017-05-02 12:25 GMT
12 बजे पेट्रोल पंप जैसे ही खुले, पंपों पर भीड़ उमड़ पड़ी। 

लखनऊ। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रिमोट से पेट्रोल चोरी के खुलासे के बाद से हड़कम्प मचा हुआ है। एसटीएफ की कार्रवाई से परेशान लखनऊ पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन ने हड़ताल का ऐलान किया था जो जिला प्रशासन के साथ हुई बैठक में पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन ने हड़ताल वापस ले ली। जिला प्रशासन ने साफ कर दिया की प्रशासन की कार्रवाई सही है। कार्रवाई के दौरान जो लोग दोषी पाए जाएंगे वो बख्से नहीं जाएंगे।

सोमवार को रात 9:30 बजे के करीब लखनऊ के सभी पेट्रोल पंपों पर ताला पड़ गया इसके बाद लोग पेट्रोल या डीजल भरवाने के लिए जहां-तहां भटकते रहे। राजधानी में लगातार तीसरे दिन भी एसटीएफ की 4 टीमों ने 7 पट्रोल पंपों पर छापेमारी की। इस दौरान तीन पंपों पर रिमोट और चिप से तेल चोरी पकड़ी गई। कार्रवाई करते हुए उन्हें सील कर दिया गया।

एसटीएफ की कार्रवाई में पेट्रोल एसोसिएशन के अध्यक्ष बीएन शुक्ला के भी 2 पेट्रोल पंप सीज किए गए हैं। लखनऊ पेट्रोल पंप एसोसिएशन के अनुसार, यूपी एसटीएफ की कार्रवाई से सभी कर्मचारी भाग गए हैं, जिसकी वजह से पंप को सुचारू रूप से चलाने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।

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लखनऊ पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने अपने मोबाइल बंद कर दिए हैं। एक पेट्रोल पंप के मैनेजर ने बताया कि इसके पूर्व दोपहर में पेट्रोल पंप संचालकों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करने की कोशिश की थी, लेकिन उनको समय नहीं दिया गया जिसके बाद पेट्रोल पंपों ने हड़ताल कर दी।

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लखनऊ पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के लोगों ने बताया कि यूपी पेट्रोलियम ट्रेडर्स एसोसिएशन भी पूरे यूपी में मंगलवार से हड़ताल का ऐलान कर सकती है। लखनऊ पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के सेक्रेटरी सुधीर वोरा का कहना है, 'यह हड़ताल नहीं हमारी मजबूरी है क्‍योंकि पेट्रोल पंप पर काम करने वाले सारे कर्मचारियों ने एसटीएफ के डर से काम करने से इनकार कर दिया है।'

पेट्रोल पम्पों पर यह छापेमारी लगातार जारी रहेगी और ग्राहकों के हितों से किसी को खिलवाड़ नहीं करने दिया जायेगा। साथ ही संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ इस पूरे गोरखधंधे का पर्दाफाश जल्द कर दिया जायेगा। हालांकि इस पूरे खेल में टेक्निकल टीम की मदद ली जा रही है।
अमित पाठक, एसएसपी एसटीएफ, लखनऊ

27 अप्रैल से शुरू है छापेमारी

बता दें कि एसटीएफ ने 27 अप्रैल से छापेमारी शुरू की थी। अब तक 14 पेट्रोल पंपों पर छापा मारा जा चुका है और तकरीबन सभी में चोरी पाई गई है। पेट्रोल पंपों पर छापे मारने की शुरुआत एक शख्‍स की गिरफ्तारी के बाद हुई जिसने बताया कि उसने पेट्रोल चोरी में इस्‍तेमाल होने वाली एक हजार इलेक्‍ट्रॉनिक चिप्‍स पेट्रोल पंपों में लगाई है। एसटीएफ का अनुमान है कि चिप लगे पेट्रोल पंपों से औसतन 12 से 15 लाख रुपये महीने के पेट्रोल की चोरी होती है।

मशीन खराब होने की दे रहे जानकारी

एसटीएफ का कहना है कि पेट्रोल पंप मालिक अपनी चोरी रोकने के लिए एक-दो दिन के भीतर ही तेल कंपनियों को फोन करके अपनी मशीन खराब होने की जानकारी दे रहे हैं। कई जगह तो पेट्रोल पंप वालों ने मशीन से वह पूरा नक्शा ही निकाल लिया था जिसमें वह चीटिंग चिप लगा था।

छापे के दौरान भाग रहे हैं मालिक और मैनेजर

कई जगह पेट्रोल पंप पर पहुंचते ही मैनेजर और मालिक भाग खड़े हो रहे हैं। वहीं अधिकतर जो ग्रुप और मालिक हैं इस पूरे रैकेट से अंजान होने की दलील दे रहे हैं। हालांकि एसडीएम को मिली प्राथमिक जानकारी के मुताबिक यह जाल कई जिलों में प्रदेश के कोने-कोने में फैला हुआ है।

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