यूपी विधानसभा के बाहर किसानों ने रात भर आलू फेंककर किया प्रदर्शन

Update: 2018-01-06 10:57 GMT
विधानसभा के सामने आलू फेंककर किसानों ने किया प्रदर्शन

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आलू किसानों ने जबर्दस्त विरोध प्रदर्शन किया है। अपना विरोध जताते हुए किसानों ने कई टन आलू मुख्यमंत्री आवास, विधानसभा और राजभवन के बाहर फेंक दिए हैं।

उत्तर प्रदेश के किसान उत्तर प्रदेश की सरकार से बेहद नाराज हैं जिसका असर आज मुख्यमंत्री आवास और विधानसभा के बाहर देखने को मिला।

शनिवार की रात मुख्यमंत्री आवास और विधान सभा के सामने किसान, कुन्तलों बोरे आलू फेंक कर चले गए और सोते हुए प्रशासन को पता तक नहीं चला सका। एक तरफ पुलिस और एलआईयू सोती रही और दूसरी तरफ किसान आलू फेंकते रहे। इतना ही नहीं राजभवन के सामने भी सड़कों पर आलू पड़ा मिला।

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किसानों को मंडियों में 4 रुपये प्रति किलो, आलू का रेट मिल रहा है जिससे उनकी लागत मूल्य भी नहीं निकल पा रही है। किसान उसका वाजिब दाम सरकार से मांग रहे हैं, और किसान चाहते हैं कि आलू का मूल्य कम से कम 10 रूपये प्रति किलो होना चाहिए।

शनिवार को तड़के जैसे ही आलू फेंकने की खबर मिली सीएम आवास और विधानसभा के बाहर हड़कंप मच गया। वही अधिकारी अपनी इज्जत बचाने के लिए आलू उठवाने लगे। आपको बता दें की कुन्तलों बोरे आलू वाहनों के पहिए के नीचे दबकर खराब हो गया।

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किसानों ने पहले भी किये हैं प्रदर्शन

सिर्फ लखनऊ ही नहीं, आलू किसान पूरे यूपी में विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे पहले दिसंबर महीने में आगरा में भी किसानों ने पुराने आलू फेंककर प्रदर्शन किया था। आगरा बेल्ट में आलू की कीमतें 20 पैसे प्रति किलो तक पहुंचने से किसान बेहद हताश परेशान नजर आए।

दरअसल पिछले साल आलू की बंपर पैदावार होने की वजह से किसानों ने पैदावार कोल्ड स्टोरेज में रखवा दी थी ,लेकिन पुराने आलू की तरफ लोगों का रुख कम होने से लोग इन्हें खरीदने से कतरा रहे हैं और स्टोरेज मालिकों के पास इसे फेंकने के अलावा कोई चारा नहीं है। प्याज और टमाटर के बढ़ते दामों के बीच आलू किसानों के लिए सरकार की तरफ से कोई घोषणा नहीं हुई है।

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