मोहम्मद आमिल/एमएस राजपूत/रमन यादव
स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क/स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट
एटा। तेज हवाओं के साथ हुई झमाझम बारिश ने जनपद के मक्का-बाजरा किसानों को बर्बादी के मुहाने पर खड़ा कर दिया है। गुरुवार-शुक्रवार को हुई बारिश से खेत में खड़ी फसलें बिछ गईं। शनिवार को भी रुक-रुककर हो रही बारिश ने किसानों की नींद उड़ा दी है। किसानों ने बर्बाद हुई फसल के मुआवजे के लिए प्रशासन से गुहार लगाई है।
24 घंटे की बारिश ने जनपद के लोगों को गर्मी व उमस से तो राहत दी, लेकिन किसानों के लिए आफत पैदा कर दी। जो किसान खेतों में मक्का व बाजरा की फसल को काटने की तैयारी में लगे हुए थे, उनकी फसलें बुरी तरह से चौपट हो गईं। मक्का-बाजरा के अलावा कई स्थानों पर धान की फसल बिछ गई हैं। निधौलीकलां विकासखण्ड की ग्राम पंचायत मोहकमपुर-मुहारा निवासी किसान दिनेश कुमार (32 वर्ष) ने बताया, “पहले बारिश नहीं हुई थी तो हमने इंजन की सहायता से फसल को पानी लगाया था, अभी हमारे खेत में फसल की कटाई चल रही थी, अचानक मौसम खराब होने के बाद हुई बारिश से जमीन पर कटी पड़ी हमारी बाजरे की फसल बर्बाद हो गई।”
यहीं के किसान अरविंद कुमार (38 वर्ष) ने बताया, “बारिश के साथ चली तेज हवाओं के कारण हमारी बाजरे की फसल पूरी तरह बिछ गई, अब फसल बर्बाद हो चुकी है, हमारे पड़ोस के गाँव मुइनुद्दीनपुर, मोतीपुर, कुन्दनपुर, कपरेटा, बेहटा में भी फसलें बर्बाद हुईं हैं।”
मारहरा विकासखण्ड के गाँव खकरई निवासी किसान रामपाल सिंह (42 वर्ष) ने बताया, “मेरी सात बीघा खेत में बाजरा की फसल थी, बारिश और तेज हवा से सारी फसल बिछ गई है। कर्जा लेकर फसल की थी, हमे प्रशासन से इसका मुआवजा मिलना चाहिए।” सरांय जरैलिया निवासी किसान यशपाल (45 वर्ष) का कहना है, “पूरे क्षेत्र में बाजरा और मक्का की फसल बिछ गई है। मक्का की फसल पक चुकी है। इसलिए इसमें नुकसान कम है, लेकिन बाजरा की फसल को नुकसान अधिक हुआ है।” क्षेत्र के किसान पप्पू, साहब सिंह, होरीलाल, सुखराम, भगवान सिंह, गंगा सिंह, हुकुम सिंह, मोहर सिंह आदि बाजरा किसानों ने प्रशासन से मुआवजे की मांग की है।
शाहजहांपुर में बारिश से फसलों को नुकसान
राम सिंह
स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट/गाँव कनेक्शन
जैतीपुर/तिलहर (शाहजहांपुर)। दो दिन से जिले में लगातार धीमी गति से बारिश होने व हवाएं चलने के कारण किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ है। बारिश व तेज हवा के चलने से गन्ना किसानों को बड़ा नुकसान पहुंचा है। जैतीपुर विकास खंड के नगला, सोंधा, करकौर, गोराबकैनियां, रामपुर नदैया आदि इलाकों में कई किसानों की पक रही बाजरा, गन्ने की फसल खेत में ही तेज हवा चलने के कारण गिर गई है। इसे लेकर किसान खासा परेशान हो रहे हैं। पंकज शुक्ला (34 वर्ष) निवासी रामपुर नदैया का कहना है, “एक तो पहले से ही आलू का भाव न मिलने से बड़ी दिक्कतें हो रही थीं। ऊपर से बारिश के बीच जो तेज हवा चली उससे धान की फसल पर बड़ा असर पड़ा है। वहीं पकी खड़ी बाजरा की खेती पर भी असर पड़ रहा है, अब मौसम खुलने की राह देख रहे हैं।”
कृषि वैज्ञानिक डॉ. अनेग सिंह गन्ना शोध संस्थान शाहजहांपुर ने बताया, “जिन किसानों के लगभग पक चुके धान के खेत में पानी भर गया है, पानी को निकालने की व्यवस्था करें। जिससे गिरी फसल को ज्यादा नुकसान न हो।” उन्होंने बताया कि जिन किसानों ने पूर्व में धान के खेतों में पानी लगा दिया था, बारिश के बाद उनकी फसलों को नुकसान पहुंचा है। वे फसल खेत में बिछ गई हैं।
जैतीपुर निवासी प्रधान व किसान ग्याराम यादव (56 वर्ष) बताते हैं, “अगर यही बारिश एक हफ्ते पहले होती तो किसानों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होती, लेकिन अब काफी नुकसान हुआ है।” कृषक मेहरमान (53 वर्ष) निवासी नगला ने बताया, “हमारे पास करीब पांच एकड़ धान व दो एकड़ गन्ने की फसल है जो लगभग सभी गिर गई, जिसमें अब उत्पादन काफी कम होगा और मेरा तो कर्ज भी माफ नहीं हुआ है। ऐसे में काफी मुश्किलें आएंगी।”