गंभीर मरीजों को लाइन में लगने की नहीं पड़ेगी जरूरत

Update: 2017-09-06 13:32 GMT
गंभीर मरीजों को पर्चा काउंटर, ओपीडी की लाइन में लगने की जरूरत नहीं है।

जोगेन्द्र कुमार, स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट

मेरठ। मेडिकल की पर्ची लाइन में मरीज की मौत हो जाने के बाद जिला प्रशासन ने इस पर कदम उठाते हुए नए नियम बनाए हैं। अब जिला अस्पताल में आने वाले गंभीर मरीजों को पर्चा काउंटर, ओपीडी की लाइन में लगने की जरूरत नहीं है। इन मरीजों को 24 घंटे इमरजेंसी में भर्ती किया जाएगा। शुरुआत में इनका इलाज ईएमओ करेंगे, इसके बाद संबंधित स्पेशलिस्ट डॉक्टर इमरजेंसी आकर गंभीर मरीजों का उपचार करेंगे।

जिला अस्पताल के एसआईसी डॉक्टर पीके बंसल बताते हैं, "मेडिकल में मरीज की मौत के बाद तत्काल व्यवस्था में बदलाव कर दिया गया है। गंभीर बीमारी वाले मरीजों को तुरंत भर्ती कर इलाज मिलेगा।" मेडिकल अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर अजीत चौधरी बताते हैं, "मेडिकल में 24 घंटे इलाज की सुविधा है, गंभीर मरीज को सीधे इमरजेंसी लाए, उसे लाइन में लगने की बिल्कुल जरूरत नहीं है। फाइल की जरूरत तुरंत नहीं होगी, ईएमओ मरीज को भर्ती कर फाइल स्वयं तैयार कर लेंगे।"

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शासन स्तर से हुई थी खिंचाई

दरअसल विगत शुक्रवार (1 सितंबर) को मेडिकल की इमरजेंसी में दिल की बीमारी से ग्रसित मरीज की पर्ची काउंटर पर मौत हो गई थी। जिसके बाद काफी हंगामा हुआ था, साथ ही मेडिकल प्रशासन की भी शासन स्तर से काफी खिंचाई हुई थी। घटना से सबक लेते हुए जिला अस्पताल ने तत्काल गंभीर मरीजों के लिए नए नियम बनाए और मंगलवार (5 अगस्त) से नियम लागू भी कर दिए गए।

अलग-अलग बनाएं काउंटर

मंगलवार से ही जिला अस्पताल को आनलाइन करने की कवायद शुरू हो गई। जिला अस्पताल में महिला मरीज, दिव्यांग, वरिष्ठ नागरिकों के लिए पर्चा, दवा के अलग-अलग काउंटर बना दिए गए हैं। काउंटर अलग-अलग होने की वजह से मरीजों के पर्चे फटा-फट बनेंगे और जल्दी दवाई मिलेगी।

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दवाईयों की सूची होगी चस्पा

अस्पताल में कौन-कौन सी दवाएं हैं, इसकी जानकारी दवा कक्ष में डिस्प्ले स्क्रीन पर दिखाई देंगी। अगर अस्पताल में कोई दवा कम होती है तो तत्काल इसकी जानकारी अस्पताल प्रशासन को हो जाएगी, ताकि समय से दवाई उपलब्ध हो सके। यदि इसमें कोई भी लापरवाही बरती जाती है कि प्रशासन संबंधित के खिलाफ रिपोर्ट तैयार कर मुख्यालय को भेजेगा।

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