आतंकवादी मंसूबों में संलिप्तता के संदेह में पकड़े गए छह युवक रिहा  

Update: 2017-04-21 22:02 GMT
प्रतीकात्मक फोटो।

लखनऊ (भाषा)। उत्तर प्रदेश के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) की अगुवाई में पांच राज्यों की पुलिस द्वारा किए गए संयुक्त अभियान में दहशतगर्दी के संदेह में पकड़े गए छह युवकों को शुक्रवार को उनके परिवारों के हवाले कर दिया गया।

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एटीएस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आतंकवादी मंसूबों में शामिल होने के संदेह के आधार पर हिरासत में लिए गए छह नौजवानों को नोएडा में पूछताछ के बाद उनके परिवारों के हवाले कर दिया गया। अगर भविष्य में उनके खिलाफ कोई सुबूत पाया जाता है, तो कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया, ‘‘वे युवक कट्टरपंथी मिथ्या प्रचार के प्रभाव में थे, इस बात को ध्यान में रखते हुए उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए उनके परिवार की मदद से एक प्रबन्धन योजना बनायी जाएगी।''

इससे पहले तत्कालीन अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) दलजीत सिंह चौधरी ने पकड़े गये युवकों को कल ‘पथ भ्रमित' करार देते हुए कहा था, ‘‘हमारा मुख्य उद्देश्य यह रहेगा कि ये जो पथभ्रमित युवक हैं, उनकी काउंसिलिंग करके उन्हें मुख्यधारा में दाखिल किया जाए।'' मालूम हो कि यूपी एटीएस और दिल्ली समेत पांच राज्यों की पुलिस ने कल महाराष्ट्र, जालंधर (पंजाब), नरकटियागंज (बिहार), बिजनौर तथा मुजफ्फरनगर (दोनों उत्तर प्रदेश) में छापे मारकर ‘आईएसआईएस खोरासान' माड्यूल के चार संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार करने समेत छह अन्य युवकों को संदेह के आधार पर हिरासत में लिया था।

सभी युवाओं की उम्र 18 से 25 साल

मुफ्ती फैजान और तनवीर को बिजनौर से, नाजिम शमशाद अहमद को महाराष्ट्र के मुम्ब्रा से तथा मुजम्मिल को जालंधर से गिरफ्तार किया गया था। उत्तर प्रदेश एटीएस, दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ, आंध्र प्रदेश के खुफिया प्रकोष्ठ, महाराष्ट्र एटीएस, पंजाब पुलिस तथा बिहार पुलिस के संयुक्त अभियान में पकड़े गये युवक 18 से 25 साल आयु के हैं। माना जा रहा था कि वे कोई ऐसी वारदात करने की साजिश रच रहे थे, जिससे क्षेत्र में आतंक फैले और उनके गिरोह को पहचान मिले।

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