ऐसी तस्वीरें बहुत कम देखने को मिलती हैं, सरकारी स्कूल की टीचर का ट्रांसफर हुआ तो बच्चों ने दिया धरना

Update: 2017-05-17 19:56 GMT
अभिभावकों के साथ बीएसए कार्यालय पहुंचे छात्र।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

उन्नाव। इस तरह की ख़बरें कम ही सुनने में आती हैं। ज्यादातर मामलों में बच्चे और अभिभावक सरकारी स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षकों की कमियां निकालकर उन्हें हटाने की बात करते हैं, लेकिन उन्नाव में बिल्कुल उल्टा हुआ है।

सफीपुर विकासखंड के शेरपुरखुर्द स्थित परिषदीय विद्यालय में तैनात सहायक शिक्षिका का ट्रांसफर दूसरे स्कूल में कर दिया गया। विद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों को जब इस बात की जानकारी हुई तो वह अभिभावकों के साथ बीएसए कार्यालय आ पहुंचे। यहां उन्होंने बीएसए से शिक्षिका का ट्रांसफर रोकने की अपील की। साथ ही विद्यालय में फैली अनियमितताआें से भी उन्हें अवगत कराया।

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छात्रों का कहना था कि प्रधान शिक्षिका के स्कूल न आने से विद्यालय सिर्फ सहायक शिक्षिका के भरोसे ही चल रहा था। इस बीच झूठी शिकायत पर सहायक शिक्षिक का ट्रांसफर कर दिया गया। छात्रों द्वारा की गई शिकायत पर बीएसए ने जांच के आदेश दिए हैं।

शेरपुरखुर्द के प्राथमिक विद्यालय में तैनात सहायक शिक्षिका असमा खातून का हाल ही में स्थानांतरण कर दिया गया। ट्रांसफर को लेकर बताया जा रहा है कि उनके खिलाफ झूठी शिकायतें की गई। जिस पर उन्हें स्कूल से हटा दिया गया। हालांकि छात्रों के साथ ही अभिभावकों व गांव में रहने वाले लोगों का कहना है कि सहायक शिक्षिका असमा खातून पर बीएलआे की भी जिम्मेदारी थी।

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जिन लोगों ने शिक्षिका की शिकायत की वह मतदाता लिस्ट में झूठे नाम बढ़वाना चाहते थे लेकिन शिक्षिका ने इससे इंकार कर दिया। जिस पर उन्होंने इसकी शिकायत कर दी।
बीएसए कार्यालय शिकायत करने पहुंचे प्रमोद कुमार ने बताया, “ शिकायत करने वालों ने ही विद्यालय की जमीन पर कब्जा कर रखा है। कब्जे के ही मामले में वह जेल भी जा चुके हैं।”

छात्रों सोनी ने बताया, “ विद्यालय में पढ़ाई की जिम्मेदारी सिर्फ और सिर्फ सहायक शिक्षिका पर ही थी। एेसा इसलिए क्योंकि प्रधान शिक्षिक खंड शिक्षा अधिकारी से सांठ गांठ कर बहुत कम ही विद्यालय आती हैं।”

वहीं अभिभावकों का कहना था कि शिक्षिका असमा खातून बच्चों को बेहतर तरीके से पढ़ाती थी। उनके जाने से विद्यालय में शैक्षिक माहौल बिगड़ जाएगा। छात्रों के साथ ही अभिभावकों की शिकायत पर बीएसएस दीवान सिंह ने मामले की जांच कराने के निर्देश दिए हैं।

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