लखनऊ। उत्तर प्रदेश में चीनी मिलों की दशा सुधार करके उनकी क्षमता बढ़ाई जाएगी। सहकारी चीनी मिलों में स्टीम और पावर खपत को कम करने के लिए 24 मिलों में से 23 चीनी मिलों का अपग्रेडेशन किया जाएगा, इससे सहकारी चीनी मिलों की कार्यक्षमता बढ़ जाएगी। साथ ही उनके खर्चों में कमी आ जाएगी। यह जानकारी प्रदेश सरकार के गन्ना विकास एवं चीनी मील राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सुरेश राणा ने दी।
शुक्रवार को सहकारी चीनी मिल संघ सभागार में उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल संघ और राष्ट्रीय सहकारी चीनी कारखाना संघ नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित कार्यशाला में भाग ले रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार की चीनी मिलों में चीनी विक्रय में पूर्ण पारदर्शिता लागू करने की योजना है। जिससे चीनी मिले बिना सरकार के सहयोग से स्वयं ही किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान करने में सक्षम हो सके। जो काम हजारों करोड़ लगाने से नहीं हो सकता उसे 101 करोड़ में करने का प्रस्ताव है।
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इस कार्यशाला को संबोधित करते हुए सुरेश राणा ने कहा कि अब चीनी मिलों की कार्यक्षमता में सुधार को सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिस प्रदेश में इतना ज्यादा गन्ना का उत्पादन हो रहा हो, वहां चीनी मिलों के उत्पादन में दिनों-दिन बढ़ोत्तरी होनी चाहिए। गन्ना मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार की मंशा है कि गन्ना किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान समय से किया जाना सुनिश्चित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार बंद चीनी मिलों को दोबारा चालू करके उनकी कार्यक्षमता में विस्तार कर रही है। गन्ना किसानों की तरफ से 2 लाख हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में गन्ना उत्पादन किया जा रहा है। आवश्यकता पड़ने पर नई चीनी मिल भी खोली जाएगी, जिससे गन्ना किसानों को किसी समस्या का सामना न करना पड़े और उन्हें अधिक से अधिक फायदा हो सके। उन्होंने कहा कि कम खर्चों में लाभकारी खेती कैसे हो इसके लिए प्रदेश सरकार नई प्रजाति के बीज व तकनीक लाएगी। उत्तर प्रदेश देश का प्रथम राज्य होगा जो प्रधानमंत्री के मंशा के अनुसार अगले साल ही गन्ना किसानों की आय दोगुनी करने का पूरा प्रयास करेगा।
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सुरेश राणा ने कहा कि गन्ना विभाग ने 100 दिन में ही 5 साल के बराबर काम किए। उन्होंने कहा कि बिना किसी चीनी मिल पर मुकदमा किए उनसे वार्ता के आधार पर गन्ना किसानों का बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान कराया गया। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में उत्पादन के सापेक्ष पेराई सत्र की अवधि को कम किया जाएगा। इस अवसर पर सुगर फेडरेशन के प्रबध निदेशक दसुरेश कुमार सिंह गन्ना आयुक्त विपिन कुमार द्विवेदी और फेडरेशन के सभी अधिकारी उपस्थित थे।
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