आईएसआई के निशाने पर यूपी, युवाओं को पैसे का लालच देकर अपने नेटवर्क में शामिल किया जा रहा

Update: 2017-05-04 17:03 GMT
यूपी के बेरोजगार नौजवानों को पैसा का लालच देकर आईएसआई उन्हें अपने नेटवर्क में शामिल करके यह काम करा रही है (साभार: इंटरनेट)

लखनऊ। एटीएस उत्तर प्रदेश को कुछ समय से सूचना मिल रही है कि भारत के सैन्य गतिविधियों की जानकारी पाकिस्तान दूतावास के इंटेलिजेंस अधिकारियों और खुफिया एजेंसी आईएसआई को पाकिस्तान भेजी जा रही है। यूपी के बेरोजगार नौजवानों को पैसा का लालच देकर आईएसआई उन्हें अपने नेटवर्क में शामिल करके यह काम करा रही है। बुधवार को फैजाबाद से पकड़े गए आईएसआई एजेंट आफताब अली और मुंबई से पकड़े गए अल्ताफ कुरैशी से पूछताछ में यह पुष्टि हुई है।

उत्तर प्रदेश एटीएस के आईजी असीम अरुण ने बताया, ‘आफताब ने पूछताछ में स्वीकार किया कि वह पाकिस्तान में आईएसआई के ट्रेनिंग कैंप में प्रशिक्षण लिया है और नई दिल्ली के पाकिस्तानी दूतावास के एक अधिकारी से कई बार मिल भी चुका है।’

भारतीय खुफिया एजेंसियों के मुताबिक उत्तर प्रदेश के 34 जिले पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की गतिविधियों से प्रभावित हैं। इन जिलों में कानपुर, मेरठ, रामपुर, मऊ, बलरामपुर, सहारनपुर, बुलंदशहर, गौतमबुद्धनगर, मुरादाबाद, लखनऊ, फैजाबाद, आगरा, गाजियाबाद, वाराणसी, बागपत, बिजनौर, अम्बेडकरनगर, अलीगढ़, मुजफ्फरनगर, खीरी, श्रावस्ती, हाथरस, गोंडा, बरेली, मथुरा, गोरखपुर, महाराजगंज, आजमगढ़, जौनपुर, बाराबंकी, फिरोजाबाद, बहराइच, सिद्धार्थनगर और बस्ती शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में आईएसआई के नेटवर्क को तोड़ने के लिए लगातार काम किया जा रहा है। आईएसआई के संदिग्धों पर पुलिस नजर रख ही है। पकड़े गए आईएसआई एजेंट से पूछताछ में आईएसआई नेटवर्क की और परतें खुल सकती हैं।

भारतीय खुफिया एजेंसियों के मुताबिक उत्तर प्रदेश के 34 जिले पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की गतिविधियों से प्रभावित हैं। इन जिलों में कानपुर, मेरठ, रामपुर, मऊ, बलरामपुर, सहारनपुर, बुलंदशहर, गौतमबुद्धनगर, मुरादाबाद, लखनऊ, फैजाबाद, आगरा, गाजियाबाद, वाराणसी, बागपत, बिजनौर, अम्बेडकरनगर, अलीगढ़, मुजफ्फरनगर, खीरी, श्रावस्ती, हाथरस, गोंडा, बरेली, मथुरा, गोरखपुर, महाराजगंज, आजमगढ़, जौनपुर, बाराबंकी, फिरोजाबाद, बहराइच, सिद्धार्थनगर और बस्ती शामिल हैं।

इन जिलों में आईएसआई युवकों को गुमराह कर उन्हें देशद्रोह के लिए उकसा रही है। पिछले साल कानपुर रेल हादसे को अंजाम देने वाले शमसुल होदा और शफी शेख ने एनआईए की पूछताछ में होदा ने यह खुलासा किया था कि पाकिस्तनी खुफिया एजेंसी आईएसआई उनको फंडिंग करती थी।

एटीएस लगातार खोज रही आईएसआई के स्लीपर मॉड्यूल

यूपी पुलिस को खुफिया विभाग के अनुसार यूपी में आईएसआई ने कई स्लीपर मॉड्यूल बना रखे हैं। इस स्लीपर मॉड्यूल में पाकिस्तानी नागरिक और सिम्मी के वह संदिग्ध हैं, जिनकी पुलिस को काफी दिनों से तलाश है। अपर पुलिस महानिदेशक, कानून और व्यवस्था आदित्य मिश्र ने बताया कि इस मामले को लेकर यूपी पुलिस को खास निर्देश दिए गए हैं। खासकर एटीएस को यह जिम्मा दे दिया गया है। एटीएस की टीम लगातार इसपर काम कर रही है। साथ ही पुलिस संदिग्ध लोगों की तलाश करते हुए तलाशी अभियान तेज कर दी है।

गायब पाकिस्तानियों का पता न पुलिस न खुफिया एजेंसी के पास

यूपी पुलिस को जानकारी मिली है कि अलग-अलग मौकों पर वीजा लेकर यूपी आए पाकिस्तानी नागरिक यहां से वापस नहीं गए हैं। यह पाकिस्तानी कहां गायब हो गए हैं इसकी जानकारी न तो पुलिस के पास हैं और न ही खुफिया एजेंसियों को। ऐसे में जिला पुलिस से लेकर एटीएस, एसटीएफ और पुलिस की सारी एजेंसियों ऐसे संदिग्ध पाकिस्तानी नागरिकों को तलाश करने का आदेश दे दिय गया है। साथ ही सिम्मी के उन फरार संदिग्धों की भी तलाश तेज कर दी गई है जो वर्षों से लापता हैं।

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