By Dr SK Singh
मीलीबग आम की फसल को 50–100% तक नुकसान पहुँचा सकता है, लेकिन दिसंबर में किया गया प्रबंधन इस खतरे को पूरी तरह रोक सकता है। सही समय पर कार्रवाई, बेहतर फूल और अधिक उत्पादन का रास्ता बनाती है।
मीलीबग आम की फसल को 50–100% तक नुकसान पहुँचा सकता है, लेकिन दिसंबर में किया गया प्रबंधन इस खतरे को पूरी तरह रोक सकता है। सही समय पर कार्रवाई, बेहतर फूल और अधिक उत्पादन का रास्ता बनाती है।
By Gaon Connection
बेमौसम बारिश, फसलों को हुए बड़े नुकसान और खरीफ कीमतों में भारी गिरावट ने किसानों की आय को बुरी तरह झटका दिया है। एलारा सिक्योरिटीज की ताज़ा रिपोर्ट बताती है कि कई राज्यों में आय महामारी के बाद के सबसे निचले स्तर पर पहुँच गई है।
बेमौसम बारिश, फसलों को हुए बड़े नुकसान और खरीफ कीमतों में भारी गिरावट ने किसानों की आय को बुरी तरह झटका दिया है। एलारा सिक्योरिटीज की ताज़ा रिपोर्ट बताती है कि कई राज्यों में आय महामारी के बाद के सबसे निचले स्तर पर पहुँच गई है।
एक समय था जब सीवीड को, सिर्फ "समुद्री कचरा" समझा जाता था… आज वही तटीय परिवारों की नई आजीविका, नई उम्मीद बन रहा है।
एक समय था जब सीवीड को, सिर्फ "समुद्री कचरा" समझा जाता था… आज वही तटीय परिवारों की नई आजीविका, नई उम्मीद बन रहा है।
By Gaon Connection
प्राकृतिक आपदाएँ सिर्फ खेत नहीं उजाड़तीं, बल्कि किसानों की सालभर की मेहनत और उम्मीदें भी बहा ले जाती हैं। संसद में पेश हुए आंकड़ों में बताया गया कि हर साल लाखों किसान तूफ़ान, बाढ़ और बारिश की मार झेल रहे हैं।
प्राकृतिक आपदाएँ सिर्फ खेत नहीं उजाड़तीं, बल्कि किसानों की सालभर की मेहनत और उम्मीदें भी बहा ले जाती हैं। संसद में पेश हुए आंकड़ों में बताया गया कि हर साल लाखों किसान तूफ़ान, बाढ़ और बारिश की मार झेल रहे हैं।
By Divendra Singh
देश में सीवीड की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार की कई योजनाएँ भी चल रहीं हैं, पिछले कुछ बरसों में देश में सीवीड का उत्पादन भी बढ़ गया है।
देश में सीवीड की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार की कई योजनाएँ भी चल रहीं हैं, पिछले कुछ बरसों में देश में सीवीड का उत्पादन भी बढ़ गया है।
By Gaon Connection
लगातार जंगली सूअरों के हमलों से फसल बर्बाद होने और सरकारी कार्रवाई न के बराबर होने से कोयंबटूर के किसान मजबूर हो चुके हैं। अब उन्होंने अपने खेत बचाने के लिए 15 किसानों की विशेष टीम बनाकर खुद ही हालात संभालने का फैसला लिया है।
लगातार जंगली सूअरों के हमलों से फसल बर्बाद होने और सरकारी कार्रवाई न के बराबर होने से कोयंबटूर के किसान मजबूर हो चुके हैं। अब उन्होंने अपने खेत बचाने के लिए 15 किसानों की विशेष टीम बनाकर खुद ही हालात संभालने का फैसला लिया है।
By Gaon Connection
सरकार ने खेती को टिकाऊ और लाभदायक बनाने के लिए आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस को मैदान में उतार दिया है। मानसून पूर्वानुमान, कीट पहचान और कृषि योजनाओं की जानकारी अब AI से किसानों तक पहुँच रही है, जिससे पैदावार बढ़ने और नुकसान घटने की उम्मीद है।
सरकार ने खेती को टिकाऊ और लाभदायक बनाने के लिए आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस को मैदान में उतार दिया है। मानसून पूर्वानुमान, कीट पहचान और कृषि योजनाओं की जानकारी अब AI से किसानों तक पहुँच रही है, जिससे पैदावार बढ़ने और नुकसान घटने की उम्मीद है।
By Gaon Connection
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में किसानों के लिए 12 अरब डॉलर की आर्थिक सहायता की घोषणा की है। उन्होंने भारत जैसे देशों से कृषि उत्पादों के आयात पर टैक्स बढ़ाने की चेतावनी देकर कृषि क्षेत्र को सुरक्षा देने का एक साहसी कदम उठाया है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में किसानों के लिए 12 अरब डॉलर की आर्थिक सहायता की घोषणा की है। उन्होंने भारत जैसे देशों से कृषि उत्पादों के आयात पर टैक्स बढ़ाने की चेतावनी देकर कृषि क्षेत्र को सुरक्षा देने का एक साहसी कदम उठाया है।
By Gaon Connection
मेहसाणा के लुनासन गाँव में एक किसान ने खेती को जंगल में बदल दिया और जंगल की तरह खेती को। अमोल खडसरे ने पर्माकल्चर मॉडल अपनाते हुए 1000 से अधिक पेड़-पौधों, औषधियों, सब्जियों और जंगली घासों को एक साथ उगाया, बिना केमिकल, बिना तनाव और बिना अत्यधिक पानी के। आज उनका खेत सिर्फ कृषि उत्पादन नहीं, बल्कि एक जीवित इकोसिस्टम है
मेहसाणा के लुनासन गाँव में एक किसान ने खेती को जंगल में बदल दिया और जंगल की तरह खेती को। अमोल खडसरे ने पर्माकल्चर मॉडल अपनाते हुए 1000 से अधिक पेड़-पौधों, औषधियों, सब्जियों और जंगली घासों को एक साथ उगाया, बिना केमिकल, बिना तनाव और बिना अत्यधिक पानी के। आज उनका खेत सिर्फ कृषि उत्पादन नहीं, बल्कि एक जीवित इकोसिस्टम है
By Divendra Singh
खरीफ 2025-26 के प्रथम अग्रिम अनुमान बताते हैं कि जलवायु चुनौतियों के बावजूद भारतीय कृषि ने असाधारण प्रदर्शन किया है। कुल खाद्यान्न उत्पादन 1733.30 लाख टन पहुँचने की उम्मीद है, जिसमें चावल, मक्का, दलहन और तेलहन सभी में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।
खरीफ 2025-26 के प्रथम अग्रिम अनुमान बताते हैं कि जलवायु चुनौतियों के बावजूद भारतीय कृषि ने असाधारण प्रदर्शन किया है। कुल खाद्यान्न उत्पादन 1733.30 लाख टन पहुँचने की उम्मीद है, जिसमें चावल, मक्का, दलहन और तेलहन सभी में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।
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By Dr SK Singh
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