नई दिल्ली (भाषा)। भारत और ओमान ने द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को मजबूत करने का आज संकल्प लिया और दोनों देशों ने सैन्य सहयोग बढ़ाने पर जोर देते हुए चार प्रमुख समझौते किए।
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की ओमान की प्रथम यात्रा के बाद रक्षा सहयोग, समुद्री अपराध रोकथाम, समुद्री मुद्दे और उडान सुरक्षा सूचना आदान प्रदान पर समझौते किए गए। ओमान को पश्चिम एशिया में सबसे करीबी देशों में एक माना जाता है।
ओमान के रक्षा मामलों के मंत्री बदेर बिन सौद बिन हरीब अल बुसैदी के न्योते पर एक आधिकारिक यात्रा पर गए पर्रिकर ने आज अपनी यात्रा संपन्न की और संयुक्त अरब अमीरात के लिए रवाना हो गए।
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि वहां नेतृत्व के साथ उनकी वार्ताओं के दौरान सेना से सेना के बीच आदान प्रदान बढ़ाने सहित द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के सभी पहलुओं पर चर्चा हुई। दोनों पक्षों ने पारस्परिक हित के क्षेत्रीय घटनाक्रमों पर भी विचारों का आदान प्रदान किया। दोनों देशों ने इस बात का जिक्र किया कि उनके द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी में रक्षा सहयोग एक अहम तत्व है। बयान के मुताबिक इस बात पर सहमति बनी कि दोनों पक्ष द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को और विस्तारित और मजबूत करें।
पर्रिकर ने दोहराया कि ओमान के साथ अपने रणनीतिक साझेदारी को भारत काफी महत्व देता है। साथ ही उन्होंने भारतीय नौसेना जहाजों के समुद्री डकैती विरोधी गश्त को ओमान द्वारा मिल रहे सहयोग और वायुसेना के विमानों को उतरने और उड़ान भरने के लिए मिलने वाले तकनीकी सहयोग की सराहना की।
पर्रिकर के साथ एक उच्च स्तरीय आधिकारिक शिष्टमंडल भी था जिनमें सचिव (रक्षा उत्पाद) अशोक गुप्ता, डीआरडीओ प्रमुख डॉ एस क्रिस्टोफर, सेना उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एमएमएस राय, नामित किए गए नौसेना प्रमुख वाइस एडमिरल सुनिल लांबा सहित अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारी शामिल थे।