लखनऊ (भाषा)। बहुजन समाज पार्टी (BSP) में आज हुए ताजा विद्रोह के तहत दो विधायकों ने बगावत का झण्डा उठा लिया और बसपा मुखिया मायावती पर चुनाव के टिकट के लिये मोटी रकम उगाहने का आरोप लगाया। हालांकि, थोड़ी ही देर बाद दोनों को पार्टी से निलम्बित कर दिया गया।
पलिया से बसपा विधायक हरविंदर कुमार साहनी उर्फ रोमी साहनी और मल्लावां से पार्टी विधायक बृजेश वर्मा ने यहां प्रेस कांफ्रेस में कहा कि मायावती मोटी रकम लेकर चुनाव के टिकट बेच रही हैं। इससे पार्टी की बदनामी हो रही है। मायावती की यह उगाही बहुजन समाज के आदर्शों भीमराव अम्बेडकर और कांशीराम के सिद्धांतों के खिलाफ है।
इस बगावत पर फौरी कार्रवाई करते हुए दोनों बसपा विधायकों को पार्टी से निलम्बित करके उन्हें बसपा के किसी भी कार्यक्रम में शामिल ना होने की हिदायत दी गयी है।
बसपा के प्रान्तीय अध्यक्ष रामअचल राजभर ने साहनी को जनता के बजाय अपने कारोबार पर ध्यान देने की सजा उनका टिकट काटकर दी गयी थी। ऐसा ही वर्मा के साथ भी किया गया था, क्योंकि वह अपने कार्यकर्ताओं के बजाय अपने परिवार को बढावा दे रहे थे।
दोनों बसपा विधायकों ने प्रेस कांफ्रेंस में दावा किया कि गत छह जुलाई को उन्हें मायावती के आवास पर बुलाया गया था और पार्टी महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने BSP मुखिया की मौजूदगी में उनसे पलिया और मल्लावां सीटों के टिकट के लिये क्रमश: पांच और चार करोड़ रुपये मांगे थे।
साहनी और वर्मा ने यह भी कहा कि उन्हें यह चेतावनी दी गयी थी कि अगर उन्होंने वह रकम जमा नहीं की तो उनके टिकट काटकर अन्य लोगों को दे दिये जाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि सबसे उंची बोली लगाने वालों को टिकट दिये जाने का चलन बेहद दुखद है। धन उगाही का यह खेल पार्टी समन्वयकों के जरिये खेला जा रहा है।