लखनऊ। भारतीय डाक सेवा युवाओं को डाक टिकट संग्रहित करने और शोध करने के लिए प्रोत्साहित करने को एक नई कंपनी बनाने जा रही है।
भारतीय डाक का ये कदम इस लिए भी महत्व पूर्ण है क्योंकि अभी तक सबसे बड़े डाक नेटवर्कों में से एक ये राष्ट्रीय कंपनी स्टाम्प संग्रह से सबसे कम कमाने वाली कंपनियों में शामिल है। कई विदेशी कंपनियां हजारों करोड़ सिर्फ डाक टिकट संग्रह से कमा लेती हैं।
भारतीय डाक के आधिकारिक आंकड़ों की बात करें तो देश फिलहाल डाक टिकट संग्रह और शोध से 40 करोड़ रुपए कमाकर, बहुत पीछे छूटा हुआ है। न्यूजीलैंड 100 करोड़ रुपए इसी काम से कमाता है। वहीं यूएस 1,170 करोड़ रुपए, ब्राजील 1,080 व चीन 9,000 करोड़ रुपए केवल डाक टिकट संग्रह से कमाता है।