डीबीटी योजना से दो साल में एलपीजी सब्सिडी में 21,000 करोड़ रुपए की बचत

Update: 2016-07-20 05:30 GMT
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नई दिल्ली (भाषा)। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में एलपीजी सब्सिडी बचत में खामियां पाए जाने के बाद सरकार ने आज जोर देकर कहा कि बैंक खातों में सब्सिडी के सीधे स्थानांतरण से वास्तव में 21,000 करोड़ रुपए की बचत हुई है।

कैग की इस रिपोर्ट को संसद के मौजूदा मानसून सत्र में पेश किया जाना हैं। इसमें कहा गया है कि बचत की जो मात्रा बताई गई है, वास्तविक बचत उसका सिर्फ दस प्रतिशत हुई है। इसके बाद पेट्रोलियम मंत्रालय ने प्रेस बयान जारी कर वित्त वर्ष 2014-15 तथा 2015-16 के लिए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) से सब्सिडी बचत की गणना का विस्तृत ब्योरा दिया है। इसमें कहा गया है कि पिछले दो साल में जाली-डुप्लिकेट-छद्म कुकिंग गैस कनेक्शन समाप्त होने से करीब 21,261.4 करोड़ रुपए की बचत हुई है।

इसमें कहा गया है कि वास्तविक ग्राहकों की पहचान के दौरान 3.34 करोड़ डुप्लिकेट और जाली एलपीजी कनेक्शन पाए गए। एलपीजी के लिए डीबीटी से पहले इन 3.34 करोड़ उपभोक्ताओं ने लगातार सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडरों की खरीद की। यदि इन खातों को बंद नहीं किया जाता, तो कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के बावजूद सब्सिडी बिल काफी उंचा रहता।

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