देवांशु मणि तिवारी (स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क)
लखनऊ। भारत सरकार के कृषि मंत्रालय ने चार जनवरी 2017 को अपने राजपत्र में ट्रायाज़ोफोज़ और कार्बराइल समेत 18 कीटनाशकों को पर्यावरण के लिए घातक मानते हुए इनके कृषि में प्रयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। इन कीटनाशकों को आमतौर पर किसानों द्वारा पौधों में रोग व कीटों के निवारण के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है।
केंद्रीय कृषि मंत्रालय की ओर से जारी किया गया राजपत्र
केंद्रीय कृषि मंत्रालय की ओर से जारी किए गए राजपत्र में यह स्पष्ट किया गया है कि सरकार की विशेष बैठक में गठित कमेटी ने 18 कीटनाशकों (वेनोमाइल, कार्बराइल, डायजिनोन, फेनारिमोल, फेंथिओन, लिनुरोन, मेथोक्सी ईथाइल, मिथाइल पेराथिओन, सोडियम साइनाइड, थियोमेटोन, ट्राइडेमोर्फ, ट्राइफ्लूरेलिन, अलाक्लोर, डाइक्लोरोवस, फोरेट, फोस्फोमिडोन, ट्रायाज़ोफोज़, ट्राईक्लोरोफोर्न) को मानव जाति व जीव जन्तुओं के लिए भी जानलेवा माना है और इन्हें प्रतिबंधित किया है।
बाराबंकी जिले के रमपुरवा गाँव में करीब 24 एकड़ क्षेत्र में केले की खेती कर रहे किसान हरीश वर्मा बताते हैं, ‘’पिछले साल गर्मी में हमने केले की फसल में ट्रायाज़ोफोज़ दवा का इस्तेमाल किया था। यह दवा सूड़ी के प्रकोप को खत्म करने के लिए ज़्यादातर किसान इस्तेमाल करते हैं और यह आसानी से मिल जाती है।’’
कीटनाशक मुख्यरूप से गर्भवती महिलाओं के लिए जानलेवा
विश्व बैंक द्वारा वर्ष 2015 में किए गए वैश्विक कीटनाशक प्रयोग पर अध्ययन के अनुसार विश्व में करीब 25 लाख लोग प्रतिवर्ष कीटनाशकों के खतरनाक प्रभाव के चपेट में आ जाते हैं, जिनमें से पांच लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है। सरकार द्वारा प्रतिबंधित किए गए कीटनाशकों में से वेनोमाइल, फोरेट, मेथोक्सी ईथाइल और सोडियम साइनाइड जैसे कीटनाशक बेहद खतरनाक बताए गए हैं। ये कीटनाशक मुख्यरूप से गर्भवती महिलाओं, मछ्ली, चिड़ियों व जलीय जन्तुओं के लिए जानलेवा सबित हो सकते हैं।
सरकार द्वारा प्रतिबंधित किए गए कीटनाशकों पर हो रही कार्यवाई के बारे में जानकारी लेने के लिए गाँव कनेक्शन ने चार जनपदों ( लखनऊ, उन्नाव, इलाहाबाद और प्रतापगढ़) के कृषि रक्षा अधिकारियों से बात की तो उनको इस बारे में आधिकारिक जानकारी नहीं थी। हालांकि भारत सरकार ने आगामी एक जनवरी 2018 तक इन सभी कीटनाशकों को पूरी तरह से भारतीय कृषि बाज़ारों से हटाने की समय सीमा निर्धारित की है, लेकिन अभी तक इस आदेश की जानकारी प्रदेश के कीटनाशक विक्रेताओं को नहीं है।
एक जनवरी, 2018 तक इनका निर्माण रोकने के आदेश
बाराबंकी जिले के भगौली चौराहे पर कीटनाशकों की बिक्री बड़े स्तर पर की जाती है। यहां पर कीटनाशकों के थोक विक्रेता तुषार वर्मा बताते हैं, ‘’हमारे यहां आमतौर पर किसान कार्बराइल, ट्राइफ्लूरेलिन, ट्रायाज़ोफोज़, डाइक्लोरोवस जैसी दवाएं ले जाते हैं। फिलहाल अभी तक हमें ऐसे किसी भी आदेश की जानकारी नहीं है।’’
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के इस आदेश में देश के सभी राज्य अधिकारियों, निर्माताओं, विक्रेताओं और आयातकों को यह सूचित किया गया है कि इन 18 कीटनाशकों में से 12 कीटनाशकों को इनके खतरनाक प्रभाव को देखते हुए एक जनवरी, 2018 तक इनका निर्माण रोका जाए व इन पर प्रतिबंध लगाया जाए। बाकी छह कीटनाशकों के लिए यह अवधि 31 दिसंबर, 2020 तक रखी गई है।
खतरनाक कीटनाशकों का असर
कीटनाशक- किसके लिए खतरनाक
वेनोमाइल- गर्भवती महिलाओं, मछली व अन्य जलीय जन्तु।
कार्बराइल- मधुमक्खी व जलीय जन्तु
डायजिनोन- जलीय जन्तु व मित्र कीट
फेनारिमोल- जलीय जन्तु
फेंथिओन- जलीय जन्तु, कृषि व मित्र कीट
लिनुरोन- जलीय जन्तु
मेथोक्सी ईथाइल - चिड़ियों,मछ्ली व जलीय जन्तु
मिथाइल पेराथिओन- जलीय जन्तु
सोडियम साइनाइड- चिड़ियों,मछ्ली, मधुमक्खी व जलीय जन्तु
थियोमेटोन - मधुमक्खी
ट्राइडेमोर्फ- जलीय जन्तु
ट्राइफ्लूरेलिन- मछ्ली व जलीय जन्तु
अलाक्लोर- जलीय जन्तु व मछ्लियों
डाइक्लोरोवस - मधुमक्खी व जलीय जन्तु
फोरेट - चिड़ियों,मछ्ली, मधुमक्खी व जलीय जन्तु
फोस्फोमिडोन- मधुमक्खी व चिड़ियों
ट्रायाज़ोफोज़- चिड़ियों,मछ्ली, मधुमक्खी व जलीय जन्तु
ट्राईक्लोरोफोर्न - चिड़ियों व जलीय जन्तु
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