नई दिल्ली। सन 2011 में पाकिस्तान और भारत दोनों की तरफ से सर्जिकल स्ट्राइक हुआ था। इनमें 13 सैनिक मारे गए थे, जिनमें से छह की गर्दन धड़ से अलग कर दी गई थी।
'द हिंदू' ने खबर दी है कि उसके पास इन हमलों के सबूत मौजूद हैं जो बताते हैं कि 2011 का सर्जिकल स्ट्राइक सितम्बर 2016 के हमले से ज्यादा भयानक था। इसकी पुष्टि ऑपरेशन में शामिल रहे मेजर जनरल एसके चक्रवर्ती ने भी की, जो उस समय जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में स्थिति 28 डिवीज़न के प्रमुख थे। अख़बार के अनुसार पाक घुसपैठियों ने कुपवाड़ा के गुगलधर पहाड़ी की पोस्ट पर 30 जुलाई 2011 को अचानक हमला किया। उस दौरान पोस्ट पर छह जवान मौजूद थे। ये घुसपैठिये पाकिस्तानी बॉर्डर एक्शन टीम के लोग थे। इन्होंने छह जवानों पर हमला बोला और 20 कुमाऊं रेजिमेंट के हवलदार जयपाल सिंह अधिकारी और लांस नाइक देवेंद्र सिंह के सिर काटकर ले गए। एक घायल जवान जो किसी तरह ज़िदा रहा वह 19 राजपूत रेजिमेंट का था। उसे आर्मी को इसकी जानकारी देने के बाद अस्पताल में दम तोड़ दिया।
बदले का मिशन
इससे गुस्साई भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन जिंजर' चलाया, जो देश की सीमा के बाहर सेना का सबसे खतरनाक ऑपरेशन माना गया। सेना ने इसके लिए जासूसों और मानवरहित विमानों से सात बार रेकी की। तीन पाकिस्तानी पोस्ट को हमले के लिए चिह्नित किया गया। इनमें पुलिस चौकी, जोर के पास की पोस्ट और हिफाज़त व लाशदत पोस्ट थीं। सेना ने आखिरकार तय किया कि पुलिस चौकी पर हमला होगा ताकि सबसे ज्यादा नुकसान हो। दो माह की तैयारी के बाद सेना ने 30 अगस्त 2011 को हमला किया।
इसमें 25 सैनिक शामिल थे जो तीन बजे सुबह वहां पहुंच गए और दस बजे रात तक वहां छुपे रहे। फिर उन्होंने एलओसी पार की। 30 अगस्त की सुबह भरतीय जवानों ने चार पाकिस्तानी सैनिकों को देखा जो हमले वाली जगह पर जा रहे थे। भारतीय सैनिकों ने पाक सैनिकों को हमले की जगह पहुंचने दिया फिर माइन्स डेटोनेट कर दीं। धमाके में चारों पाकिस्तानी सैनिक बुरी तरह घायल हो गए। फिर भारतीय कमांडो ने ग्रेनेड से पाक सैनिकों पर हमला कर दिया। एक पाकिस्तानी भाग निकला लेकिन भारतीय सैनिक बचे तीन पाक सैनिकों की ओर बढ़े और उनके सिर धड़ से काट लाए। जब भारतीय सैनिक वापस आ रहे थे तो पाकिस्तानी सैनिकों के एक और समूह को पुलिस चौकी की ओर जाते देखा गया। थोड़ी देर बाद भारतीय सैनिकों ने एक और तेज़ धमाका सुना जो उसी आईईडी का था जिसे वे छोड़ आए थे। अनुमान के अनुसार दो से तीन अन्य पाकिस्तानी जवान भी मारे गए थे। पैंतालीस मिनट के इस ऑपरेशन के बाद सुबह 7.45 पर भारतीय सेना वापस आ गई। जिन पाकिस्तानी सैनिकों के सिर काटकर लाए गए थे उनमें सूबेदार परवेज़, हवलदार आफताब और नाइक इमरान शामिल थे।