बुंदेलखंड में खुदेंगे 3300 नए तालाब

Update: 2016-12-29 17:16 GMT
प्रतीकात्मक फोटो (साभार:गूगल)।

लखनऊ। पिछले कई साल से सूखे की मार झेल रहे बुंदेलखंड में खेत-तालाब योजना ने क्रांतिकारी बदलाव किए हैं। पानी की कमी से बंजर हो रही धरती में इस योजना से अब फसलें लहलहा रही हैं। इस योजना की इस सफलता से उत्साहित होकर सरकार ने यहां पर 3300 नए तालाब बनाने का फैसला किया है।

अभी तक 2 हजार खेत-तालाब बनकर तैयार

उत्तर प्रदेश कृषि विभाग के प्रमुख सचिव रजनीश गुप्ता ने बताया कि ''बुंदेलखंड को सूखे से बचाने में खेत-तालाब योजना से बहुत मदद मिली है। साल 2013 में शुरू की गई योजना से अभी तक 2 हजार खेत-तालाब बनकर तैयार हो गए हैं। जिससे खेतों में सिंचाई की समस्या दूर हो गई है। ऐसे में 3300 और नए खेत-तालाब बनाने की योजना पर काम चल रहा है। उन्होंने बताया कि खेत-तालाब योजना में बुंदेलखंड के चित्रकूट, हमीरपुर, जालौन, झांसी, ललितपुर और महोबा में खेत-तालाब बनाए गए हैं। इस योजना में किसानों का चयन बहुत ही पारदर्शी तरीक से किया गया है। जो किसान स्वेच्छा से अपने खेत में तालाब बनवाना चाहते थे, उन्हें तालाब के तीन मॉडल दिखाए गए। इसमें से उन्होंने जिस मॉडल को चयन किया, उसको उनके खेत के एक हिस्से में बनवाया गया।

किसान को मिला 50 प्रतिशत अनुदान

सरकार ने खेत-तालाब की लागत का 50 प्रतिशत अनुदान सीधे किसान के खाते में दिया। खेत तालाब योजना में लघु, सीमांत और बड़े किसान, तीनों को शामिल किया गया, जिससे सभी किसानों को लाभ पहुंचा। झांसी जिले के बड़गांव ब्लाक के बिहटा गांव के किसान मनीराम ने बताया कि ''खेत तालाब योजना से बहुत लाभ मिला है। पहले जहां बरसात का पानी बह जाता था और वहीं अब खेत में तालाब बनने से इसका अच्छे से संचयन हो रहा है। खेतों में जरूरत भर की सिंचाई भी इससे हो जा रही है।'' झांसी जिले के बबीना ब्लॉक के सरवा गांव की मीना कुशवाहा ने बताया, ''दो सालों से यहां ठीक से खेती नहीं हो पाती है। लेकिन खेत-तालाब योजना का लाभ उठाकर जब उन्होंने अपने खेत में तालाब बनवाया था तो उसका फायदा मिल रहा है।''

अब पानी से लबालब भरा रहता है तालाब

जालोन जिले के महेवा ब्लाक के अभेदीपुर गांव के अनिल कुमार ने बताया कि पहले खेत सूखे रहते थे। बरसात का पूरा पानी बह जाता था। लेकिन जब से उन्होंने खेत-तालाब योजना के अंतर्गत अपने खेत में तालाब बनवाया है, उसके बाद से उनका तालाब सालों भर लबालब भरा रहता है। उन्होंने बताया कि इसी साल उन्होंने खेत-तालाब से ही चने और राई की सिंचाई भी की है। खेत-तालाब योजना से बुंदेलखंड के खेतों में एक बार फिर से हरियाली लौट रही है।

क्या कहते हैं अधिकारी

कृषि विभाग के निदेशक ज्ञान सिंह ने बताया ''खेत-तालाब योजना से सिर्फ खेतों को ही नहीं, बल्कि गांव में पेयजल का भी संकट दूर हुआ है। ग्राउंड वाटर लेवल बहुत नीचे जाने से जो कुंए सूख गए थे, खेत-तालाब योजना के कारण उनका जलस्तर बढ़ गया।'' महोबा जिले के चरखारी ब्लाक के बैहरी गांव के किसान अजय विक्रम सिंह ने बताया कि पिछले साल उन्होंने खेत तालाब योजना के तहत अपने खेत में तालाब खुदवाया। इस साल पहली बरसात में इस तालाब का श्रीगणेश किया गया। इसके बाद से इसमें पानी को संरक्षित किया गया। तालाब में अभी भी काफी पानी है। जिससे जरूरत की सिंचाई खेतों को हो रही है।

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