अघोषित जमा पर 50 प्रतिशत कर दे कर निकल जाएं, पकडे गए तो चुकाना होगा 85 प्रतिशत      

Update: 2016-11-28 17:03 GMT
अरुण जेटली

नई दिल्ली (भाषा)। सरकार ने कालाधन रखने वालों को एक और मौका देते हुए नोटबंदी के बाद जमा राशि की घोषणा पर कर, जुर्माना और अधिभार के रुप में कुल 50 प्रतिशत वसूली का प्रस्ताव आज संसद में किया। सरकार ने यह भी प्रस्ताव किया है कि इस अवधि में धन जमा कराने वालों के बारे में यदि यह सबित हुआ कि उन्होंने काला धन रखा है तो उनसे अधिक उंची दर और कडे जुर्माने के साथ कुल 85 प्रतिशत की दर से वसूली की जाएगी।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आयकर कानून में संशोधन के लिये लोकसभा में एक विधेयक पेश किया, जिसमें यह भी प्रावधान है कि घोषणा करने वालों को अपनी कुल जमा राशि का 25 प्रतिशत सरकार द्वारा लायी जा रही एक ‘गरीबी-उन्मूलन योजना' में निवेश करना होगा पर इस योजना में लगाए गए पैसे पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा। साथ ही इस राशि को चार साल तक नहीं निकाला जा सकेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 8 नवंबर को 500 और 1,000 रुपये के नोट पर पाबंदी की घोषणा के करीब तीन सप्ताह बाद विधेयक लाया गया है। सरकार का कहना है कि जो लोग गलत तरीके से कमाई गई राशि अपने पास 500 और 1,000 के पुराने नोट में दबाकर रखें हुए थे और जो उसकी घोषणा करने का विकल्प चुनते हैं, उन्हें प्रधानमंत्री गरीब कल्याण (पीएमजीके) योजना 2016 के तहत इसका खुलासा करना होगा। उन्हें अघोषित आय का 30 प्रतिशत की दर से कर भुगतान करना होगा।

इसके अलावा अघोषित आय पर 10 प्रतिशत जुर्माना लगेगा। साथ ही पीएमजीके उपकर नाम से 33 प्रतिशत अधिभार (30 प्रतिशत का 33 प्रतिशत) लगाया जाएगा। इसके अलावा, घोषणा करने वालों को अघोषित आय का 25 प्रतिशत उस योजना में लगानी होगी जिसे सरकार रिजर्व बैंक के साथ विचार कर अधिसूचित करेगी।

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