1000 और 500 के नोट बंद करने के फैसले के खिलाफ SC में याचिका

Update: 2016-11-10 15:00 GMT
सुप्रीम कोर्ट 

नई दिल्ली। मोदी सरकार द्वारा लिये गये 500 और 1000 के नोट बंद करने के फैसले के खिलाफ वकील संगम लाल पांडेय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर उस फैसले को रद्द करने की गुहार लगाई गई है।

वकील संगम लाल पांडेय ने अपनी अर्जी में कहा है कि अचानक इस फैसले से आम लोगों को परेशानी हुई है। उन लोगों को ज्यादा परेशानी है जिनके घरों में शादियां है। जबकि 9 नवम्बर से 11 नवम्बर के बीच हजारों शादियां है, ऐसे में इस फैसले का उस पर असर होगा और शादियां नहीं हो पाएंगी।

इसके अलावा, इस याचिका में कहा गया है कि फसलों का समय है और नोट बंद करने से उस पर भी इसका असर होगा। वहीं इस फरमान से लोग अस्पतालों में मरने की स्थिति में आ गए हैं क्योंकि लोगों के पास दवाएं लेने से लेकर डॉक्टर की फीस देने तक के लिए पैसे नहीं हैं। पांडेय ने अपनी याचिका में कहा है कि सरकार के इस फैसले से लोग मानसिक तौर पर परेशान हुए हैं। इस याचिका में शादियों में होने वाले खर्च, इलाज खर्च और ग्रामीण लोगों को स्थितियों को ध्यान में रखते हुए इस सरकारी आदेश को वापस लिए जाने की गुहार की गई है।

गौरतलब है कि मंगलवार मध्य रात्रि से केन्द्र सरकार ने वर्तमान 500 और 1,000 रुपये के नोटों पर रोक लगा दी है जिसके बाद बाजार में एकाएक कैश की कमी हो गई है। हालांकि सरकार ने जल्द से जल्द इस कमी को पूरा करने का दावा किया है लेकिन दो दिनों तक तक बैंक और एटीएम बंद होने के कारण लोगों के पास रोजमर्रा की जरूरत के लिए भी पैसे नहीं बचे हैं।

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