बिना पहचान पत्र 6 लाख रुपये बदलने वाले बैंक कर्मियों से पूछताछ

Update: 2016-11-14 21:04 GMT
भारतीय रिजर्व बैंक। 

हैदराबाद (आईएएनएस)| पुलिस ने यहां बगैर पहचान पत्र के छह लाख रुपये मूल्य के पुराने नोट बदलने के मामले में एक बैंक के दो कर्मचारियों से पूछताछ की है। बैंक प्रबंधक की शिकायत पर पुलिस ने सिंडिकेट बैंक की सरूरनगर स्थित कमलानगर शाखा के दो कर्मियों के खिलाफ रविवार की शाम मुकदमा दर्ज किया।

बैंक के लिपिक वी. मल्लेश ने छह लाख रुपये के 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट कैशियर राधिका को दिए और उसके बदले उतने ही मूल्य के 2000 रुपये के नोट प्राप्त किए। यह घटना शनिवार को हुई। बैंक प्रबंधक को जांच के दौरान इसी तरह की घटना का पता चला।

सरूरनगर पुलिस ने दोनों के खिलाफ धोखाधड़ी और विश्वास हनन का आपराधिक मामला दर्ज किया है। बैंक प्रबंधक द्वारा निलंबित किए जाने के बाद मल्लेश ने 5.6 लाख रुपये वापस दे दिए और बताया कि शेष राशि उसने खर्च कर दी है। बैंक अधिकारियों और पुलिस को विश्वास नहीं हो रहा है कि रुपये उसके थे। विमुद्रीकृत नोटों के स्रोत के बारे में पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।

पुलिस निरीक्षक एस. लिंगैया ने आईएएनएस से कहा कि जांच जारी है। उन्होंने कहा कि आरोपियों को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों के तहत कोई भी व्यक्ति आधार कार्ड या पहचान के अन्य प्रमाण जमा कर एक बार में चार हजार रुपये मूल्य के विमुद्रीकृत नोट बदल सकता है। अब यह सीमा बढ़ाकर साढ़े चार हजार कर दी गई है।

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