तमिल आकांक्षाओं को ‘नजर अंदाज’ न करें: अन्नाद्रमुक

Update: 2017-01-21 17:45 GMT
लोकसभा उपाध्यक्ष एम थंबीदुरई ।

नई दिल्ली (भाषा)। अन्नाद्रमुक ने आज केंद्र को आगाह किया कि अगर वह क्षेत्रीय आकांक्षाओं और तमिलनाडु के लोगों के हितों को लगातार ‘नजर अंदाज' करती है तब इसके खतरनाक निहितार्थ होंगे।

अन्नाद्रमुक के सांसदों के साथ राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात करने के बाद पार्टी के नेता और लोकसभा उपाध्यक्ष एम थंबीदुरई ने जल्लीकट्टू मुद्दे पर अध्यादेश लाने में तमिलनाडु सरकार को मदद करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद दिया लेकिन साथ ही शिकायत किया कि उनके और उनकी सरकार के समक्ष राज्य द्वारा उठाये गये कई मुद्दों को केंद्र ‘नजर अंदाज' कर रहा है।

उन्होंने आज यहां संवाददाताओं को बताया, ‘‘एक देश, एक टैक्स जीएसटी के लिए अच्छा हो सकता है लेकिन एक भाषा, एक संस्कृति की अवधारणा संघवाद के लिए अच्छा नहीं है। प्रधानमंत्री सहकारी संघवाद की वकालत करते हैं लेकिन हमारी समस्याओं का समाधान न हो तो वह कैसा सहकारी संघवाद है।''

उन्होंने कहा, ‘‘हम (तमिलनाडु सरकार) कावेरी, मुल्लापेरियार, कत्चातीवू, तमिल मछुआरे, श्रीलंकाई तमिलों का मुद्दा और तमिल संस्कृति के प्रतीक जल्लीकट्टू का मुद्दा उठाते रहे हैं। तमिल संस्कृति भी भारतीय संस्कृति है। केंद्र सरकार को यह चेतावनी है कि कृपया क्षेत्रीय आकांक्षाओं और हितों के खिलाफ कदम नहीं उठाएं।'' थंबीदुरई ने कहा कि हाल ही में राज्य से जुड़े मसले को उठाने के लिए अन्नाद्रमुके के सांसदों ने प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगा है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम पिछले तीन दिनों से प्रधानमंत्री से मुलाकात की प्रतीक्षा कर रहे हैं लेकिन हमें अब तक समय नहीं मिला है। हम उम्मीद करते हैं कि वह किसी भी समय हमें बुला सकते हैं।''


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