नोटों पर प्रतिबंध से बैंक कर्मचारी खासे नाराज

Update: 2016-11-14 19:06 GMT
भारतीय स्टेट बैंक।

वड़ोदरा (भाषा)। दो प्रमुख बैंक यूनियनों ने आज सरकार के 500 और 1,000 के नोट को बंद करने के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि इससे देशभर में ‘वित्तीय अराजकता' की स्थिति बन गई है।

इंडियन बैंक्स एसोसिएशन को लिखे पत्र में ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन और ऑल इंडिया बैंक इम्पलाइज एसोसिएशन ने कहा कि ऊंचे नोटों को बंद करने का फैसला बिना किसी तैयारी और उचित योजना के लिया गया।

उन्होंने इससे बैंक कर्मचारियों तथा अधिकारियों पर पड़ने वाले काम के दबाव का भी जिक्र किया। एआईबीओए के महासचिव एस नागराजन तथा एआईबीईए के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने आईबीए को लिखे पत्र में कहा कि बैंक शाखाओं पर अराजकता की स्थिति है। इससे बैंक ग्राहकों के अलावा बैंक कर्मचारी और अधिकारी बुरी तरह परेशान हैं।

पत्र में कहा गया है कि 100 के नोटों की भारी कमी है और रोजमर्रा की जरूरतों के लिए लोग यही नोट चाहते हैं। लोग 2,000 का नया नोट नहीं लेना चाहते। यूनियनों ने सवाल उठाया है कि मौजूदा 500 के नोट को बंद तो कर दिया गया है, लेकिन नया 500 का नोट नहीं भेजा गया। पत्र में कहा गया है कि देशभर में 2.20 लाख एटीएम में से में से ज्यादातर पूरी तरह बंद हैं या आंशिक रुप से काम कर रहे हैं।

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