जल्लीकट्टू को लेकर प्रदर्शन करने वालों की चिंता आधारहीन: मार्कंडेय काटजू  

Update: 2017-01-22 17:54 GMT
सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) मार्केंडय काटजू।

चेन्नई (भाषा)। उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश मार्कंडेय काटजू ने आज कहा कि जल्लीकट्टू को लेकर प्रदर्शन कर रहे एक धड़े का इस मुद्दे के ‘‘स्थायी हल'' होने को लेकर जताई जा रही आशंका निराधार है क्योंकि जिस अध्यादेश से जल्लीकट्टू की इजाजत मिली है उसे तमिलनाडु विधानसभा के कानून से बदल दिया जाएगा जो ‘‘स्थायी'' होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘कुछ लोग कह रहे हैं कि जल्लीकट्टू अध्यादेश सिर्फ एक अस्थायी उपाय है, ये सच है कि संविधान की धारा 213(2) के तहत राज्यपाल द्वारा जारी अध्यादेश सिर्फ अस्थायी है।'' काटजू ने अपने ब्लॉग पर आज लिखा, ‘‘तमिलनाडु विधानसभा कल इस मुद्दे पर मिल रही है और इस अध्यादेश को कानून से बदल देगी, जो स्थायी होगा।''

उन्होंने कहा, ‘‘ये सच है कि इस कानून को अदालत में चुनौती दी जा सकती है, लेकिन इस चुनौती के कामयाब होने की उम्मीद बेहद कम है, क्योंकि धारा 254(2) के तहत राष्ट्रपति की मंजूरी ली गई है, इसलिए कुछ लोंगों की चिंता वाकई आधारहीन है।''

उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश की ये राय इस लिहाज से महत्वपूर्ण है क्योंकि राज्य के कुछ हिस्सों में लोग अब भी इस मुद्दे के ‘‘स्थायी समाधान'' की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे।

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