शशिकला की ताजपोशी की मांग को लेकर लोकसभा में जोरदार हंगामा, कार्यवाही बाधित 

Update: 2017-02-09 13:56 GMT
एआईडीएमके के सदस्यों ने पार्टी महासचिव वी.के. शशिकला।

नई दिल्ली (आईएएनएस)| संसद के निचले सदन लोकसभा में गुरुवार को एआईडीएमके के सदस्यों ने पार्टी महासचिव वी.के. शशिकला को तमिलनाडु की मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाए जाने की मांग को लेकर जोरदार हंगामा किया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही कुछ देर बाधित हुई। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही एआईएडीएमके के सदस्यों ने अध्यक्ष के आसन के पास जाकर 'तमिलनाडु में लोकतंत्र बचाओ' जैसे नारे लगाए।

एआईएडीएमके नेता पी. वेणुगोपाल अपनी सीट से ही बोलना चाहते थे, लेकिन अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने इसे नजरअंदाज करते हुए प्रश्नकाल शुरू करने को कहा। लेकिन, हंगामा बंद न होने के कारण महाजन को कुछ मिनट बाद ही सदन को पूर्वाह्न् 11.30 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा।

पन्नीसेल्वम ने बैंकों को लिखी चिट्ठी, कहा, खातों से लेनदेन न करें

तमिलनाडु में सत्तारूढ़ ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कगड़गम (एआईएडीएमके) की महासचिव वी.के. शशिकला के खिलाफ बगावत करने वाले कार्यवाहक मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने बैंकों से पत्र लिखकर कहा है कि वे उनकी मंजूरी के बिना पार्टी के खातों से किसी भी प्रकार के लेनदेन को अनुमति न दें, क्योंकि वह अब भी पार्टी के कोषाध्यक्ष हैं।

शशिकला ने मंगलवार को अपने खिलाफ बगावत का बिगुल फूंकने वाले पन्नीरसेल्वम को देर रात हुए घटनाक्रम में पार्टी के कोषाध्यक्ष पद से हटा दिया था। इससे पहले पन्नीरसेल्वम ने कहा था कि उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया। उन्होंने इसका आरोप शशिकला व पार्टी के अन्य नेताओं पर लगाया।

पन्नीरसेल्वम ने बैंकों को लिखे पत्र में कहा है कि शशिकला पार्टी की अंतरिम महासचिव हैं। इस नाते शशिकला को उन्हें पार्टी के पद से हटाने का अधिकार नहीं है। इस तरह कानूनन वह अब भी इस पद पर बने हुए हैं और इसलिए उनके दस्तखत के बगैर पार्टी के खातों से किसी भी प्रकार के लेनलेन को मंजूरी न दी जाए।

शशिकला आज राज्यपाल के सामने करा सकती हैं विधायकों की परेड

तमिलनाडु में सत्तारूढ़ ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) में मची आतंरिक कलह के बीच महासचिव वी.के. शशिकला गुरुवार को राज्यपाल के समक्ष विधायकों की परेड करा सकती हैं। राज्यपाल सी. विद्यासागर राव चार दिनों तक राज्य से अनुपस्थित रहने के बाद गुरुवार को यहां लौटने वाले हैं, जिसके बाद शशिकला उनसे मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती हैं।

सूत्रों के अनुसार, शशिकला के पास 129 विधायकों का लिखित समर्थन है। बुधवार को उन्होंने पार्टी विधायकों की जो बैठक बुलाई थी, उसमें ये सभी विधायक पहुंचे थे। इसके बाद इन विधायकों को उन्होंने विभिन्न होटलों व अन्य 'गोपनीय' स्थानों पर भेज दिया। उनके फोन भी ले लिए गए हैं।

शशिकला रविवार को एआईएडीएमके विधायक दल की नेता चुनी गई थीं और मुख्यमंत्री ओ.पन्नीरसेल्वम ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद शशिकला के मुख्यमंत्री बनने का मार्ग प्रशस्त हो गया था। उनके शपथ-ग्रहण की तैयारियां भी चल रही थीं, लेकिन इसी बीच राज्यपाल पहले दिल्ली और फिर मुंबई चले गए, जिसकी वजह से शशिकला सरकार बनाने का दावा पेश नहीं कर सकीं।

राज्यपाल के राज्य लौटने का इंतजार हो ही रहा था कि मंगलवार रात पूरे मामले में उस वक्त नाटकीय बदलाव आया, जब कार्यवाहक मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम ने शशिकला के खिलाफ खुलकर बगावत कर दी। उन्होंने आरोप लगाया कि शशिकला व पार्टी के कुछ अन्य नेताओं ने उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया।

शशिकला ने हालांकि इससे इनकार किया और पन्नीरसेल्वम पर विपक्षी दल द्रविड़ मुनेत्र कड़गम से मिलीभगत का आरोप लगाया। उन्होंने बुधवार को पन्नीसेल्वम को 'विश्वासघाती' करार देते हुए उन्हें पार्टी से निकालने की बात भी कही।

फिलहाल, राज्यपाल के राज्य लौटने का इंतजार है। सूत्रों का कहना है कि यदि राज्यपाल शशिकला के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ-ग्रहण में देरी करते हैं वह विधायकों की परेड राष्ट्रपति के समक्ष भी करा सकती हैं।

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