माराकेश (भाषा)। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पेरिस जलवायु समझौते से अमेरिका का नाम वापस लिए जाने की आशंकाओं के बीच भारत समेत करीब 200 देशों ने यहां एक अहम संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन में वर्ष 2018 तक इस ऐतिहासिक समझौते के क्रियान्वयन की कार्य योजना आज पारित की।
दो सप्ताह के विचार विमर्श के बाद माराकेश जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन में इस बात को भी रेखांकित किया गया कि क्योटो प्रोटोकाल में विकसित देशों की प्रतिबद्धताओं के अनुरुप उत्सर्जन कम करने के लिए उनकी ओर से शीघ्र कदम उठाए जाने की तत्काल आवश्यकता है। क्योटो प्रोटोकॉल वर्ष 2020 में समाप्त होगा।
माराकेश बैठक में मुख्य रुप से प्रक्रिया संबंधी मामलों पर वार्ता की गई। यह बैठक कल रात निर्धारित समय से अधिक अवधि तक चली और भारत समेत कई देशों ने कुछ मसौदा प्रस्तावों को लेकर कुछ चिंताएं व्यक्त की। इस दौरान किए गए फैसले ने पेरिस समझौते के शीघ्र क्रियान्वयन का मंच तैयार कर दिया है।