मोदी के नोटबंदी का मकसद उद्योगपतियों का कर्ज माफ करना : राहुल गांधी

Update: 2016-12-13 15:25 GMT
राहुल गांधी, कांग्रेस उपाध्यक्ष

दादरी (उत्तर प्रदेश) (भाषा)। नोटबंदी के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला तेज करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि नकदीरहित अर्थव्यवस्था की उनकी परिकल्पना ने गरीबों से उनकी बड़ी मेहनत से कमाए गए धन को लूटकर उन्हें ‘‘धनरहित'' बना दिया है।

राहुल ने आरोप लगाया कि मोदी ने आठ नवंबर की रात घोषणा करके देश के गरीबों के खिलाफ लड़ाई छेड़ दी। उन्होंने कहा कि इस तरह काले धन को सफेद बनाने का तरीका उपलब्ध करवा दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने ‘चुनिंदा उद्योगपतियों' को लाभ पहुंचाने और उन्हें ‘आठ लाख करोड़ रुपए' का ऋण देने वाले बैंकों के लिए कर्ज माफी की राह साफ करने के वास्ते नोटबंदी करके गरीबों को अपना धन निकालने से ‘रोक' दिया है।

यहां के एक थोक बाजार में लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईमानदार लोगों को सड़कों पर उतरने को मजबूर कर दिया है जबकि अमीर और भ्रष्ट लोग बैंकों से पिछले दरवाजे से पैसा ले रहे हैं।''

राहुल ने कहा, ‘‘ऐसा यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया कि गरीब लोग अपना पैसा बैंकों में जमा करवा दें, जिसका इस्तेमाल बैंकों द्वारा इन उद्योगपतियों को दिए गए आठ करोड़ रुपए के कर्ज का भुगतान करने में किया जाएगा। मोदीजी चाहते हैं कि गरीबों का धन अगले छह से आठ महीनों तक बैंकों में ही रखा रहे।''

उन्होंने कहा कि नोटबंदी के इस कदम से देश को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री इस मुद्दे पर हर बार अपना अलग उद्देश्य बता रहे हैं जिसमें काले धन को सामने लाने से लेकर जाली नोटों की समस्या से निबटने तक की बात शामिल है।

उन्होंने कहा, ‘‘सौ रुपए में से केवल दो पैसा ही नकली है, मोदीजी द्वारा घोषणा करने के दो ही दिन बाद मार गिराए गए आतंकियों के पास से नए नोट बरामद हुए थे। उस पर वह कहते हैं कि वह नकदीरहित अर्थव्यवस्था बनाएंगे। गरीबों के पास बिलकुल भी धन नहीं बचा है, निश्चित ही उन्होंने इसे नकदीरहित बना दिया है।

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