एक दिसंबर को मेट्रो के मदर डिपो में होगा मेट्रो का ट्रायल

Update: 2016-11-19 15:04 GMT
लखनऊ मेट्रो का मदर डिपो का एक दृश्य।

लखनऊ। लखनऊ मेट्रो की तैयारियों का जायजा लेने के लिए शनिवार को एलएमआरसी के जीएम ऑपरेशन सुशील कुमार ने लखनऊ मेट्रो के मदर डिपो का निरीक्षण किया। इस मौके पर उन्होंने बताया कि मेट्रो का डिपो एक बिल्डिंग नहीं है, बल्कि हर मेट्रो का यहां मेंटिनेंस किया जाएगा। एक दिसंबर को मेट्रो का टेस्ट डिपो के भीतर होगा। बाहर ट्रैक पर नहीं किया जाएगा।

46 एकड़ में बना है मेट्रो का मदर डिपो

जीएम आपरेशन सुशील कुमार ने बताया कि मेट्रो एक नायाब चीज है। 46 एकड़ में बने इस डिपो में प्रत्येक मेट्रो की मेंटिनेंस यहाँ होगी। डिपो में मेट्रो की मेनटेन दो पार्ट में की जाएगी। रोजाना यहाँ बोगी चेक होंगी। उन्होंने बताया कि अधिकाँश उपकरण बोगी में और डिपो में नीचे लगे हुए हैं। चार साल में कोच को लिफ्ट किया जाएगा। ये मेजर रिपेयर होगा।

मेट्रो की एक ट्रेन की लाइफ 35 साल

उन्होंने बताया कि मेट्रो की एक ट्रेन की लाइफ 35 साल होगी, जबकि कोच का वजन 40 से 42 टन होगा और एक मेट्रो ट्रेन आठ से दस लाख किलोमीटर कुल चलती है।

सोलर पैनल से जेनरेट होगी एक मेगावाट बिजली

मेट्रो के मदर डिपो में सोलर पैनल के जरिये एक मेगावाट बिजली जेनरेट होगी, जिससे पूरा मेनटेन होगा। वहीं, उन्होंने बताया कि यह पूरी तरह से ग्रीन डिपो है। मेट्रो का रेस्क्यू व्हीकल जो ट्रैक और सड़क दोनों पर दौड़ेगा और यहाँ मोटर व्हीकल नहीं चलेंगे। उन्होंने कहा कि एलएमआरसी का इरादा इतिहास बनाने का है।

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