Economists criticize Notbandi not based on facts: Devaraya

Update: 2016-11-27 15:13 GMT
नीति आयोग के सदस्य विवेक देवराय ने कहा कि आलोचक सरकार के वित्तीय समावेशी कार्यक्रम से अनजान है।

नई दिल्ली (भाषा)। नीति आयोग के सदस्य विवेक देवराय का मानना है कि अर्थशास्त्रियों द्वारा नोटबंदी की जो आलोचना की जा रही है, वह तथ्यों पर आधारित नहीं है। उन्होंने कहा कि आलोचक सरकार के वित्तीय समावेशी कार्यक्रम से अनजान है और स्थिति को लेकर उनकी समझ अंग्रेजी भाषा के अखबारों में व्यक्त किए गए विचारों पर आधारित है।

देवराय ने विश्व बैंक के पूर्व अर्थशास्त्री कौशिक बसु और नोटबंदी की आलोचना करने वाले अन्य अर्थशास्त्रियों की टिप्पणी पर कहा, ‘‘विदेश में रहने वाले अर्थशास्त्री सामान्य तौर पर अंग्रेजी के अखबार पढ़कर अपनी राय बनाते हैं। अन्यथा उन्हें कैसे पता चलता? अंग्रेजी के अखबार कई चीजों को गलत तरीके से समझते है।''

उन्होंने कहा, ‘‘डॉ बसु अभी कहां काम करते हैं। वह अमेरिका में हैं। मै उनका बहुत सम्मान करता हूं। जो भारत से बाहर है उसे संभवत: यह पता नहीं होगा कि यहां क्या हो रहा है।'' उन्होंने कहा कि बसु ने संभवत: वित्तीय समावेश पर तीन साल पुराने आंकड़ों के आधार पर प्रतिक्रिया दी है। उन्हें इस बात की जानकारी नहीं होगी कि प्रधानमंत्री जनधन योजना के बाद क्या हुआ है। जनधन योजना के तहत 25 करोड़ खाते खोले गए हैं।

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