200 फर्जी वोटर आईडी से बदले थे एक करोड़ के पुराने नोट, सूरत व्यापारी का बेटा गिरफ्तार
सूरत (भाषा)। धन शोधन और फर्जी पहचान पत्रों के इस्तेमाल से अवैध रूप से एक करोड़ रुपए के नोट बदलवाने के आरोप में सूरत के व्यापारी किशोर भजियावाला के बेटे को ईडी ने शुक्रवार को गिरफ्तार किया है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बताया कि उसने यहां अपने कार्यालय में गुरुवार रात करीब 11 बजकर 45 मिनट पर धन शोधन निवारण कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत जिगनेश किशोरभाई भजियावाला (41वर्ष) को गिरफ्तार किया। ईडी ने सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर किशोर भजियावाला और उसके परिवार के कुछ सदस्यों के खिलाफ एक आपराधिक प्राथमिकी दर्ज की थी। आयकर विभाग ने नोटबंदी के बाद काले धन की जांच के तहत गत वर्ष दिसंबर में भजियावाला के परिसरों से सोना और नकदी बरामद की थी जिसके बाद सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज की थी।
यह मामला प्रमुखता से प्रकाश में तब आया जब जांच एजेंसियों को पता चला कि सूरत का एक चायवाला फाइनेंसर बन गया। ईडी ने कहा, ‘भजियावाला परिवार ने नोटबंदी के बाद फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके और फर्जीवाडा करके बैंक अधिकारियों और अन्य व्यक्तियों की मिलीभगत से बड़ी संख्या में अज्ञात स्रोत से प्राप्त धन और अन्य संपत्तियों को नए नोटों में बदलवाया।'
केवाईसी फाइलों से हासिल किए एक हज़ार से ज्यादा पहचान पत्र
ईडी ने काला धन एकत्र करने और छिपाने के लिए भजियावाला द्वारा अपनाई गई कथित कार्यप्रणाली के बारे में कहा, ‘भजियावाला ने सूरत पीपल्स कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड की उधना शाखा के तत्कालीन वरिष्ठ प्रबंधक पी भट्ट की मिलीभगत से केवाईसी फाइलें हासिल की और फिर उन्होंने इन फाइलों को बैंक के बाहर ले जाकर इनमें मौजूद पहचान पत्रों की कई जगहों से फोटोकॉपी करवाई। इस तरह भजियावाला ने एक हजार से ज्यादा पहचान पत्र हासिल किए। उसने इसी बैंक से करीब 200 पहचान पत्रों का इस्तेमाल करके 1000 व 500 के पुराने नोटों के बदले नए नोट प्राप्त किए।’
ईडी ने कहा, ‘अभी जांच चल रही है इसलिए भजियावाला द्वारा अन्य वित्तीय संस्थानों से आईडी हासिल किए जाने और उनका दुरुपयोग करने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।’ आयकर विभाग के अधिकारियों ने पता लगाया कि भजियावाला के पास से कुल 10.50 करोड़ रुपये की संपत्ति थी।