मसूद तैमूरी
इटावा। सर्द मौसम की बेरुखी से फसलें चारों खाने चित्त पड़ी हुर्इं हैं। किसान के पास न तो उचित दाम मिल रहा है और न ही उसके पास कोल्ड स्टोरेज में जतन करने लायक रुपया है। ऐसे में वह कच्चा आलू ही बाजार में बेचने को मजबूर है।
इस साल मौसम फसल के अनुकूल नहीं है। रबी की फसल बोने वाले किसान परेशान हैं। आने वाले दिनों में मौसम के रुख का अंदाजा लगाकर किसान चिंता में घिरा पड़ा है। दरअसल, तापमान दस डिग्री सेल्सियस से कम हो ही नहीं रहा है।
लिहाजा, तापमान को देखकर ही किसान अपनी कच्ची फसल बेचने को मजबूर है। आलम यह है कि मंडी में आलू चार रुपये किलो, टमाटर पांच रुपए प्रति किलो, मटर दस रुपए प्रति किलो के खुदरा भाव में बिक रहा है। ये क़ीमतें बीते वर्षों की अपेक्षा सबसे सस्ती मानी जा रही हैं। किसानों का मानना है कि यदि वे फसलों का अभी तक काटते या निकालते तो उनके लिए इस कीमत को बसूलना भी आसान न होता। इतना ही नहीं तापमान में कमी न आ पाने कारण गेहूं का बीज नहीं पक पा रहा है। इसे लेकर किसान खासा चिंतित हैं।
इस साल कोल्ड स्टोरेज संचालकों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। किसान इस वजह से जल्द से जल्द आलू खोदकर बाजारों में बेचने को मजबूर हो रहे हैं। यही वजह है कि इस मर्तबा कोल्ड स्टोरेज में आलू रखने का जोखिम नहीं लेने की स्थिति में नहीं है। किसान आलू की खोदाई जुटा है ताकि किसी भी तरह से कीटों के प्रकोप से आलू को बचाया जा सके।