लखनऊ। अगर शत्रु संपत्ति पर अवैध कब्जा मिला तो सरकार उसको जब्त कर लेगी। पूरे भारत में ये अभियान शुरू कर किया गया है। राजधानी में शत्रु संपत्ति संबंधित 35 ठिकानों पर काबिज लोगों को नोटिस भेजे गए हैं।
पाकिस्तान गये जो लोग संपत्ति भारत में छोड़ गए थे, उसको शत्रु संपत्ति कहा जाता है। राजधानी में ऐसे लोगों को सबसे पहले तो वर्षों से बकाया किराया जमा करना होगा। इसके अलावा उनको वह कागज जमा करने हैं, जिनके आधार पर उनको इस संपत्ति का आवंटन मिला है। लखनऊ में राजा महमूदाबाद की कई शत्रु संपत्तियां हैं। इनमें मशहूर बटलर पैलेस, महमूदाबाद हाउस और हज़रतगंज की आलीशान दुकानें और होटल्स है।
गृह विभाग के सूत्रों के मुताबिक, नोटबंदी का आदेश जारी होने के महीने भर बाद ही खुफिया एजेंसियों को देशभर में मौजूद ऐसी सम्पत्तियों की ताजा स्थिति के बारे में छानबीन कर रिपोर्ट पेश करने को कहा गया था। अधिकांश रिपोर्टें केंद्र सरकार के पास आने के बाद दिसंबर से पूरे देश में कार्रवाई की तैयारी हो चुकी है। अब उन सम्पत्तियों पर काबिज लोगों से कब्जे का कानूनी आधार मांगा गया है।
केंद्र सरकार का मानना है कि कई ऐसी सम्पत्तियां हैं, जिन पर पाकिस्तान से जुड़े आतंकी संगठनों से जुड़े लोगों का कब्जा है। इसी तरह शत्रु सम्पत्ति के नाम पर ऐसी भी तमाम सम्पत्तियां मिली हैं, जिन पर दशकों से संदेहास्पद लोगों का कब्जा है, जिन्हें अब सरकार अपने कब्जे में लेकर या तो नीलाम करेगी, या सरकारी इस्तेमाल में लाएगी।