हाईकोर्ट ने पूछा- दिल्ली में कितने ई रिक्शा चलाने का इरादा है, लगाम लगाइए नहीं तो हर तरफ होगा जाम ही जाम

Update: 2017-01-18 22:09 GMT
ई रिक्शा पर्यावरण के लिए सराहनीय प्रयास है लेकिन इनकी बढ़ती संख्या चिंता का विषय है।

नई दिल्ली (भाषा)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने आप सरकार और पुलिस को राष्ट्रीय राजधानी में चल रहे ई-रिक्शा (बैटरी चालित रिक्शा) के लिए एक व्यापक नीति बनाने के लिये आज कहा है। साथ ही, यहां सड़कों की क्षमता को ध्यान में रखते हुए इसकी संख्या की सीमा तय करने के लिए केंद्र के सुझाव पर भी विचार करने का भी निर्देश दिया है।

बिजली वितरण कंपनी बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड की एक याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने यह निर्देश दिया। याचिका में आरोप लगाया गया है कि शहर की सड़कों पर चल रहे ई-रिक्शों की चार्जिंग और रिचार्जिंग के लिए कोई प्रणाली लाने में शासन नाकाम रहा है।

न्यायमूर्ति मनमोहन ने कहा कि चूंकि एक अन्य अवमानना याचिका में यह गंभीर आरोप लगाया गया है कि दिल्ली में अपंजीकृत ई रिक्शा बड़े पैमान पर चल रहा है, इसलिए यह अदालत राज्य परिवहन प्राधिकरण और दिल्ली पुलिस को इस सिलसिले में एक व्यापक नीति बनाने का निर्देश देती है।

उच्च न्यायालय ने कहा कि नीति के जरिए यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि पंजीकरण और बीमा पॉलिसी के शुल्क अदा करने के बाद सिर्फ पंजीकृत ई रिक्शा ही सड़कों पर परिचालित हों।

अदालत ने कहा कि राज्य परिवहन प्राधिकरण और दिल्ली पुलिस को भारत सरकार के वकील के इस सुझाव पर भी विचार करना चाहिए कि दिल्ली की सड़कों की क्षमता को ध्यान में रखते हुए इनकी संख्या की सीमा तय की जाए।

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