मणिपुर में आर्थिक नाकेबंदी, केंद्र ने स्थिति की समीक्षा की  

Update: 2016-12-23 14:28 GMT
केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू।

इंफाल (भाषा)। केंद्र ने मणिपुर में एक राजमार्ग पर आर्थिक नाकेबंदी के मद्देनजर राज्य की स्थिति की समीक्षा की और केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने सूबे की सरकार से ‘चिंताजनक' स्थिति को खत्म करने को कहा, जिसके कारण ‘मानवीय संकट' उत्पन्न हो गया है।

एक उच्चस्तरीय बैठक में राज्य की स्थिति की समीक्षा की गई। बैठक में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री रिजिजू, मुख्यमंत्री ओ इबोबी सिंह और केंद्र एवं मणिपुर सरकारों के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। केंद्र के दूत के रूप में एक दिन की मणिपुर यात्रा पर गए रिजिजू ने इस बात पर बल दिया कि नाकेबंदी समाप्त करने और राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए मणिपुर सरकार को अपने ‘संवैधानिक दायित्वों' का निर्वहन करना चाहिए।

राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या दो पर यूनाइटेड नगा काउंसिल (यूएनसी) ने नाकेबंदी की है, जिसके वजह से राज्य में जनजीवन प्रभावित हुआ है, यह नाकेबंदी एक नवंबर से जारी है। यूएनसी राज्य में सात नए जिले बनाए जाने का विरोध कर रही है। कांग्रेस नीत राज्य सरकार द्वारा सात नए जिलों -जिरिबाम, कांगपोकपी, तेंगोपाल, फारजोल, काकचिंग, नोने तथा कामजोंगिन के गठन की घोषणा के बाद मणिपुर की इंफाल घाटी में हिंसा भड़क उठी और हिंसक घटनाएं लगातार जारी हैं।

रिजिजू ने कहा, ‘‘यह मानवीय संकट है, हम चाहते है कि मणिपुर सरकार यथाशीघ्र नाकेबंदी को समाप्त करे। केंद्र से जिस तरह की मदद की आवश्यकता होगी, हम करेंगे।'' मंत्री ने कहा, ‘‘हालात सामान्य करना राज्य सरकार का संवैधानिक कर्तव्य है और उसे यह सुनिश्चित करना चाहिए कि राजमार्ग पर कोई नाकेबंदी नहीं हो।''

उन्होंने कहा कि मणिपुर में जमीनी हालात चिंताजनक होते जा रहे हैं और केंद्र सरकार चाहती है कि राज्य में कानून एवं व्यवस्था बनी रहे। उन्होंने कहा, ‘‘मैं राज्य सरकार से बात करुंगा और समस्या का समाधान खोजने की कोशिश की जाएगी।''

रिजिजू ने कहा कि आर्थिक नाकेबंदी के कारण आवश्यक वस्तुओं की कीमत में बढ़ोतरी हुई है और लोगों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, इसलिए हम चाहते हैं कि जल्द से जल्द समस्या का समाधान किया जाए।

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कल मणिपुर के मुख्यमंत्री ओ इबोबी सिंह से कहा था कि लगातार राष्ट्रीय राजमार्ग-2 बंद रहने के कारण स्थिति अत्यंत चिंताजनक हो गई है, जिससे मणिपुर में आवश्यक एवं अन्य वस्तुओं की भारी कमी हो गई है और कानून एवं व्यवस्था भी भंग हुई है।

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