केन बेतवा नदी जोड़ो परियोजना को केंद्र देगा 90 फीसदी धन

Update: 2017-01-19 17:24 GMT
फोटो प्रतीकात्मक

नई दिल्ली (भाषा)। राजग सरकार की 9,393 करोड़ रुपए की महत्वाकांक्षी केन बेतवा नदी जोड़ो परियोजना के संबंध में सरकार के वित्तपोषण के प्रारूप में बदलाव के बारे में नीति आयोग, जल संसाधन मंत्रालय के विस्तृत प्रस्ताव की प्रतीक्षा कर रहा है।

इस परियोजना के संबंध में केंद्र और राज्य के बीच वित्त पोषण का अनुपात 60:40 से बदलकर 90:10 कर दिया गया है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया, “जल संसाधन मंत्रालय ने केन बेतवा नदी जोड़ो परियोजना के वित्त पोषण से जुड़े मुद्दे को सुलझाने के लिए नीति आयोग को पत्र लिखा है। लेकिन मंत्रालय ने इस संबंध में वित्त पोषण के प्रारूप में बदलाव के बारे में ‘विस्तृत औपचारिक प्रस्ताव’ नहीं भेजा है जिसे 60:40 से 90:10 करने की बात कही गई है।” उन्होंने कहा, “इसलिए परियोजना के वित्त पोषण के प्रारुप को लेकर कोई अंतिम फैसला नहीं किया गया है।”

केन बेतवा नदी जोड़ो परियोजना को हरित पैनल और आदिवासी मामलों के मंत्रालय की मंजूरी मिलने के साथ ही 2017 की पहली तिमाही से इसका काम शुरु होने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। इससे 6.35 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई और बुंदेलखड में पेयजल की समस्या से निपटने में मदद मिलने की उम्मीद है। यह परियोजना मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश से होकर गुजरेगी।

इस परियोजना के पहले चरण को राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड, आदिवासी मामलों के मंत्रालय और पर्यावरण मंत्रालय के हरित पैनल की मंजूरी मिल गई है। हालांकि अभी वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से इस परियोजना को अंतिम मंजूरी मिलनी बाकी है जो आमतौर पर हरित पैनल की सिफारिशों को ध्यान में रखती है। पर्यावरण मूल्यांकन समिति (ईएसी) ने 30 दिसंबर 2016 की बैठक में पूरी तरह से विचार करने के बाद परियोजना के पहले चरण पर सहमति व्यक्त की।

परियोजना को लेकर दो तरह के मत

परियोजना को लेकर दो तरह के मत हैं जिसमें एक वर्ग का कहना है कि केन में अक्सर आने वाली बाढ़ से बरबाद होने वाला पानी अब बेतवा में पहुंचकर हजारों एकड़ खेतों में फसलों को लहलहाएगा। लेकिन यहीं सवाल उठता है कि क्या केन में इतना पानी है कि रास्ते में उपयोग के बाद अधिशेष पानी बेतवा को दिया जा सकेगा। विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) के मुताबिक, उत्तर प्रदेश को केन नदी का अतिरिक्त पानी देने के बाद मध्य प्रदेश करीब इतना ही पानी बेतवा की ऊपरी धारा से निकाल लेगा। परियोजना के दूसरे चरण में मध्य प्रदेश चार बांध बनाकर रायसेन और विदिशा जिलों में सिंचाई का इंतजाम करेगा।

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