भारत के पांच और वेटलैंड्स को रामसर सूची में किया गया शामिल
तमिलनाडु के तीन, मिजोरम के एक और मध्य प्रदेश के एक वेटलैंड को इसमें शामिल किया गया है, इस तरह से भारत में रामसर स्थलों की संख्या 54 हो गई है।
देश के पांच और वेटलैंड्स को रामसर सचिवालय से रामसर स्थलों के रूप में मान्यता मिल गई है। इनमें तमिलनाडु में तीन आर्द्रभूमि स्थल यानी वेटलैंड्स (करीकिली पक्षी अभयारण्य, पल्लिकरनई मार्श रिजर्व फॉरेस्ट और पिचवरम मैंग्रोव), मिजोरम में एक (पाला आर्द्रभूमि) और मध्य प्रदेश में एक आर्द्रभूमि स्थल (साख्य सागर) शामिल हैं।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने एक ट्वीट के जरिए इसकी जानकारी देते हुए खुशी जाहिर की और कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने पर्यावरण संरक्षण और संरक्षण पर जो जोर दिया है, उससे भारत में अपनी आर्द्रभूमि के साथ कैसा व्यवहार होता है, इसमें उल्लेखनीय सुधार हुआ है। यह बताते हुए खुशी हो रही है कि 5 और भारतीय आर्द्रभूमियों को रामसर की अंतरराष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि के रूप में मान्यता मिली है।
रामसर सूची का उद्देश्य 'आर्द्रभूमि के एक ऐसे अंतरराष्ट्रीय तन्त्र (नेटवर्क) को विकसित करना और सुरक्षित बनाए रखना है जो वैश्विक जैविक विविधता को संरक्षित करने और सुरक्षित रखने के साथ ही मानव जीवन की अपने इको-सिस्टम के घटकों, प्रक्रियाओं और लाभों के रखरखाव के माध्यम से सहेजे रखने के लिए' भी महत्वपूर्ण हैं।
वेटलैंड्स से भोजन, पानी, भूजल का पुनर्भरण, जल शोधन, बाढ़ नियंत्रण, भूमि के कटाव का नियंत्रण और जलवायु विनियमन जैसे महत्वपूर्ण संसाधनों और इको-सिस्टम सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्राप्त होती हैं। ये क्षेत्र पानी का एक प्रमुख स्रोत हैं और मीठे पानी की हमारी मुख्य आपूर्ति आर्द्रभूमि की ऐसी उन श्रृंखलाओं से आती है जो वर्षा को सोखने और भूजल को फिर से उसी स्तर पर लाने (रिचार्ज करने) में मदद करती है।