भारत बंद को लेकर तैयारियां बहुत मंद

Update: 2016-11-26 18:13 GMT
प्रतीकात्मक फोटो: साभार गूगल।

लखनऊ। 28 नवंबर को नोटबंदी के खिलाफ विपक्षी दलों के भारत बंद को लेकर फिलहाल कोई तैयारी नहीं नजर आ रही है। प्रदेश के प्रमुख कर्मचारी और कारोबारी संगठनों ने इस बंद में शामिल होने से इन्कार कर दिया है। यही नहीं, बाजारों में बस एक दिन बाद प्रस्तावित इस बंद को लेकर कोई भी हलचल नहीं नजर आ रही है। वहीं विभिन्न राजनैतिक दलों की ओर से प्रदेश में आयोजित किये जाने के लिए अभी तक कोई रूपरेखा नहीं जारी की गई है। केवल कांग्रेस ने जिला स्तर पर प्रदर्शन करने की घोषणा भर की है। जबकि विपक्षी दल नोटबंदी के खिलाफ इस देशबंद में जनता की बड़ी भागीदारी का बिगुल फूंक चूके हैं।

28 नवंबर को भारत बंद की थी तैयारी

नोटबंदी के खिलाफ कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, आम आदमी पार्टी, मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी और बहुजन समाज पार्टी भारत बंद 28 नवंबर को करने की तैयारी में हैं। जिसको लेकर बड़े-बड़े दावे किये गये हैं। मगर जमीन पर हालात दूसरे हैं। उप्र राज्य कर्मचारी संयुक्त संगठन के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी का कहना है कि ऐसे किसी बंद में प्रदेश के 22 लाख कर्मचारी भाग नहीं लेने जा रहे हैं। हमारे किसी भी विभाग में कहीं कोई बंदी नहीं होगी। इस तरह के राजनैतिक मामलों में कर्मचारी संगठन कोई भी योगदान नहीं देंगे। दूसरी ओर लखनऊ व्यापार मंडल के अध्यक्ष अमरनाथ मिश्र बताते हैं कि करीब 400 व्यापारिक संगठन उनके साथ में हैं। मगर कोई भी बंद के साथ नहीं है। इसलिए नहीं लगता है कि प्रदेश के बाजारों में इस बंद का कोई असर नजर आएगा।

गल्ला बाजार और सब्जी आढ़तों में दिखेगा असर

मगर सबसे ज्यादा प्रभावित सब्जी की आढ़ती मंडियों और गल्ला बाजार पर इस बंद का असर दिख सकता है। नोटबंदी का इन मंडियों पर सबसे अधिक असर पड़ता हुआ नजर आ रहा है। जिस वजह से यहां के कारोबारी विरोध के आधार पर बंदी कर सकते हैं। मगर इन संगठनों की ओर से बंद में शामिल होने की कोई भी औपचारिक जानकारी नहीं दी गई है।

कांग्रेस का हर जिले में होगा प्रदर्शन

प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राज बब्बर ने कहा है कि नोटबंदी के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ता प्रत्येक जिला मुख्यालय पर जोरदार धरना प्रदर्शन करेंगे। बंद में लोग उनका हर संभव साथ भी देंगे। ताकि नोटबंदी की वजह से होने वाली परेशानियों को लेकर लोग अपना विरोध दर्ज कर सकें।

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