घायलों को लूटने में जुटे टेम्पो वाले, रोडवेज ने भी की जबरन वसूली

Update: 2016-11-20 16:42 GMT
हादसे को बयां करती तस्वीर।

लखनऊ/ पुखरायां (कानपुर देहात)। शनिवार की देर रात तीन बजकर दस मिनट पर हुए इंदौर-पटना रेल दुर्घटना के बाद घाटनास्थल पर मानवता रो पड़ी। दरअसल, कुछ ग्रामीण घायलों की मदद करने में जुटे हुए थे। वहां से निकलकर जो यात्री कानपुर पहुंचना चाहते थे उनसे टेम्पो वालों ने अवैध वसूली की। मनमाना किराया वसूला। यही नहीं एक यात्री से करीब 2,500 रुपए तक लूट लिया गया। वहीं, रोडवेज कर्मचारियों ने भी उनसे मनमानी वसूली की। आदेशों के बावजूद उनसे पूरा किराया वसूला गया।

पटना के दंपति से को लूटा!

दरअसल, पटना इंदौर एक्सप्रेस (ट्रैन संख्या 19321) के घायलों और यात्रियों को कानपुर पहुंचाने के नाम पर ऑटो और टेम्पो, टैक्सी चालकों ने दो-दो हजार रुपए तक वसूले। इतना ही नहीं आरोप है कि पटना के एक दंपति को तो घटनास्थल के पास ही रोड पर खड़े टेम्पो चालक और उसके साथियों ने लूट लिया। प्राइवेट वाहन चालकों ने तो जो संवेदनहीनता दिखाई सो दिखाई ही। वहीं, आदेश के बावजूद रोडवेज कर्मियों ने पीड़ितों से जबरन 60-60 रुपये टिकट देकर ही बैठाया। यह आलम तब था जब रेलवे अधिकारियों ने रोडवेज प्रशासन से संपर्क करके पीड़ितों को ले जाने के लिए बसों का प्रबंध करवाया था। स्पष्ट आदेश दिया गया था कि इनसे किसी प्रकार का किराया नहीं वसूला जाएगा। प्राइवेट वाहनों, कमर्शियल टैक्सी चालकों ने घटनास्थल से कानपुर तक 45 किलोमीटर तक लाने के लिए जबरन 1500 सौ से दो हजार रुपये तक वसूल लिए।

यात्री को लूट लिया

देवास से अपनी पत्नी अमृता कुमारी, मित्र प्रभुनाथ राजन एवं दो बच्चों के साथ आ रहे पटना निवासी शिव कुमार ने बताया, "वे बोगी संख्या एस-9 में सीट नंबर 33 और 35 में थे। हादसे के बाद बाहर निकले तो बसें नहीं थीं। वाहन वाले बिठा नहीं रहे थे। टैक्सी वाले को रोका तो उसने कानपुर सेंट्रल स्टेशन तक पहुंचाने के 1500 रुपये मांगे। बहुत मन्नौवल के बाद वह उन्हें बैठाने को राजी हुआ।" वे बताते हैं, "मित्र प्रभुनाथ रंजन से टैक्सी चालक ने काफी बहस भी की। टैक्सी वालों ने उनसे मारपीट करने की भी कोशिश की।"

टेम्पो वालों की वसूली देखकर मायूस हो गए सभी

वहीं, अपने दो बेटों पवन और रोहन के साथ एस-3 बोगी में सवार आजमगढ़ के अखिलेश कुमार सिंह ने बताया, "यात्रियों को काफी देर तक वहां बैठाए रखा गया था। वहां से निकाल कर शहर भेजने की व्यवस्था में काफी देरी की गई। फिर बाहर बसों और टेम्पो चालकों का रवैया देखकर मन मायूस हो गया। इस बीच उनसे की जा रही किराया वसूली के नाम लूट को लेकर काफी हंगामा भी हुआ।

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