अगर पुराने नोटों से भरा है बिजली का बिल या खरीदी है कार, आप आयकर विभाग के राडार पर हैं

Update: 2016-11-20 19:45 GMT
फोटो साभार: गूगल।

लखनऊ। पुराने नोटों से महंगी कारों की नगद खरीद करके और सालों का बकाया बिजली का बिल जमा करके जो लोग निश्चिंत हो गए हैं, वे अब आयकर विभाग के रडार पर हैं। राजधानी में ही बड़े नोटिस जारी किये गये हैं। सभी ऑटोमोबिल कंपनियों और पॉवर कॉरपोरेशन के अफसरों को इस आशय का नोटिस जारी किया गया है। दो लाख मूल्य से अधिक का नगद पेमेंट करके कार खरीदने वालों और दो लाख रुपये से अधिक का बिजली बिल कैश में जमा करने वालों की जानकारी आयकर विभाग ने मांगी है। जिससे बहुत जल्द ही चोर दरवाजे से कैश मनी निकालने वालों पर इनकम टैक्स विभाग शिकंजा कसेगा।

15 दिनों के अंदर भेजें जवाब

आयकर विभाग की ओर से दो दिन पहले ही यूपी बिजली विभाग को नोटिस जारी किया गया है। उपआयकर आयुक्त जांच लखनऊ मुख्यालय की ओर से ये नोटिस जारी हुआ है। इसा नोटिस में कहा गया है कि दो लाख़ रुपये से अधिक कैश में बिजली जमा करने वालों की सूची आयकर विभाग को पॉवर कॉरपोरेशन दे। जिसमें 8 नवम्बर के बाद बिजली का बिल जमा करने वालों का ब्यौरा तलब किया गया है। जिसका जवाब 15 दिनों के भीतर आयकर विभाग को देना होगा।

जिसने दो लाख रुपये कैश देकर कार खरीदी

इसी तरह से लखनऊ में सभी कार डिस्ट्रीब्यूटर को आयकर का नोटिस गया है। रिंग रोड पर एक बड़ी कंपनी के कार डीलर ने बताया कि आयकर का ये नोटिस मिल गया है। जिसमें पूछा गया है कि आठ नवंबर के बाद दो लाख रुपये कैश देकर किस किस ने कारें ख़रीदी हैं। आठ नवम्बर के बाद बेचीं गयी सभी कारों का ब्यौरा तलब किया गया है। 15 दिनों में आयकर विभाग ने कार शोरुम से जवाब मांगा है। जिसमें कार खरीदने वालों का नाम, पता, मोबाइल नंबर भी मांगा गया है। जिसके बाद में इसी आधार पर व्यक्तिगत नोटिस आयकर विभाग भेजेगा। ये नोटिस भी उपआयकर आयुक्त जांच की ओर से भेजे गए हैं।

इस तरह के नोटिस अभी और भी जाने हैं। फिलहाल कितने भेजे गए हैं, इसकी जानकारी नहीं है। इस पर सोमवार से बड़ी कवायद शुरू की जाएगी।
आरके अग्रवाल, निदेशक, आयकर विभाग

बड़ी तादाद में काला धन खपाया

बड़ी तादाद में लोगों ने बिजली के बिल और कारों की खरीद में काला धन खपाया है। बिजली के बिल में सालों का बकाया लाखों रुपये जमा कर दिया गया है। जमा करते समय ये भी नहीं देखा गया कि आखिर बाद में इनकम टैक्स विभाग इसकी जांच करेगा। मगर अब ऐसे हजारों लोगों पर जल्द शिकंजा कसेगा।

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