जयपुर (भाषा)। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सदगुरु, गुलजार और एन वाल्डमैन कल यहां पांच दिवसीय जयपुर साहित्य महोत्सव का उद्घाटन करेंगे।
गुलाबी नगरी के डिग्गी पैलेस में आयोजित हो रहे महोत्सव के उद्घाटन के बाद सदगुरु से जयपुर साहित्य महोत्सव के निदेशक संजय राय उनकी नवीनतम किताब ‘इनर इंजीनरिंग-ए योगीज गाइड टू जॉय' के बारे में चर्चा करेंगे और दर्शकों के साथ प्रश्नोत्तर सत्र में भाग लेंगे।
सतगुरु की नवीनतम पुस्तक का उद्देश्य है कि आनंद आपका हमेशा का साथी बन जाए। इसे वास्तविकता बनाने के लिये यह पुस्तक कोई उपदेश नहीं, बल्कि दृष्टि बताती है, कोई शिक्षा नहीं, बल्कि एक तकनीक बताती है, कोई नियम नहीं बल्कि एक मार्ग बताती है। हमारी सारी किताबे प्रेरक है, जबकि यह पुस्तक आपके अंदर रुपांतरण लाएगी।
जयपुर साहित्य महोत्सव गत साल 'असहिष्णुता' के विरोध में पुरस्कार लौटाने को लेकर सुर्खियों में रहे थे। आयोजकों ने कहा कि साल 2017 का कार्यक्रम विविध स्वरों और दृष्टिकोणों को सामूहिक रूप से एक मंच पर लाने की शैली से अलग नहीं होने जा रहा।
आयोजकों ने कहा, "(जयपुर साहित्य) महोत्सव अपने बुनियादी मूल्यों को बनाए रखे हुए है और समता, लोकतांत्रिक पहुंच तथा बोलने की आजादी को सबसे ऊपर रखता है। इसका मानना है कि सार्थक संवाद के लिए सभी दृष्टिकोणों का प्रतिनिधित्व होना चाहिए।"
साहित्य महोत्सव का आयोजन अगले साल 19 जनवरी से 23 जनवरी तक होगा।
साहित्य महोत्सव के बारे में जानें
गुलाबी नगरी जयपुर में आयोजित होने वाले साहित्य महोत्सव में दुनियाभर के साहित्यकार हिस्सा लेते हैं। सबसे पहले साल 2006 में जयपुर साहित्य महोत्सव का आयोजन किया गया। उस समय महोत्सव प्रतिभागियों की संख्या 2500 थी। इस साहित्य महोत्सव में दुनियाभर के बुकर, पुलित्जर और नोबल पुरुस्कार विजेता भी हिस्सा लेते हैं, यही वजह है कि इसे साहित्य का महाकुम्भ भी कहा जाता है.