जल्लीकट्टू पर राज्य के कानून के खिलाफ 30 जनवरी को सुनवाई

Update: 2017-01-25 13:42 GMT
न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि उनकी और न्यायमूर्ति रोहिंटन फली नरीमन की सदस्यता वाली पीठ सोमवार को जल्लीकट्ट को लेकर दायर एक याचिका पर सुनवाई कर सकती है।

नई दिल्ली (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायलय में जल्लीकट्टू को अनुमति देने वाले तमिलनाडु के कानून की वैधता को चुनौती देती पशु अधिकार संगठनों द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई हो सकती है।

न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि उनकी और न्यायमूर्ति रोहिंटन फली नरीमन की सदस्यता वाली पीठ सोमवार को जल्लीकट्ट को लेकर दायर एक याचिका पर सुनवाई कर सकती है।

मिश्रा ने एटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी द्वारा 24 जनवरी को जल्लीकट्टू के आयोजन की अनुमति देती सात जनवरी को जारी की गई अधिसूचना को वापस लेने के सरकार के इरादे के बारे में अदालत को बताने का भी जिक्र किया।

वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत को बताया कि उन्होंने एक याचिका दायर कर कहा है कि जल्लीकट्टू के आयोजन की अनुमति देने वाला राज्य का कानून पशुओं पर क्रूरता रोकथाम अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन है। वहीं, वरिष्ठ अधिवक्ता सीए सुंदरम ने अदालत को बताया कि उनका 2016 की अधिसूचना को वापस लेने के सरकार के फैसले से कोई लेना देना नहीं है।

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