हरियाणा। आज सरकार और जाट आरक्षण संघर्ष समिति के पदाधिकारी आमने-सामने नजर आएंगे। सरकार ने राज्य भर में कड़ी सुरक्षा का प्रबंध किया हैं जिससे धरना देने वाले जाट समुदाय के लोग किसी भी कानून का उलंघन न करें। शनिवार को प्रदेश के मुख्य सचिव डीएस ढेसी, अतिरिक्त गृह सचिव राम निवास व पुलिस महानिदेशक डॉ. के.पी. सिंह अफसरों से रिपोर्ट लेते रहें है।
अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने सरकार और पुलिस पर दबाव डालने का आरोप लगाते हुए कहा है कि शनिवार को दिन भर पुलिस के अधिकारी विभिन्न जिलों में जाट समुदाय के प्रतिनिधियों पर दबाव बनाने की कोशिश करते रहे हैं। मलिक ने यह आश्वासन देते हुए कहा कि जाट समुदाय के लोग किसी तरह से प्रदेश में माहौल को बिगड़ने नहीं देंगे। वहीं जाटों के कई गुटों ने प्रदेश सरकार से मुलाकात के बाद इन धरनों से खुद को अलग कर लिया है।
जाट आरक्षण संघर्ष समिति के प्रमुख जय सिंह फौजी ने आज नरवाना में समुदाय के नेताओं के साथ बैठक की। उन्होंने बैठक के बाद कहा, ''हम अपना आंदोलन तब तक जारी रखेंगे जब तक सरकार हमें आरक्षण समझौते के बारे में लिखित में कोई आश्वासन नहीं दे देती।''
अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कछ संवेदनशील जिलों में धारा 144 पहले ही लगा दी गई है जिसमें रोहतक, सोनीपत, झज्जर और राज्य के अन्य स्थान शामिल हैं। अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रीय एवं राजमार्गों और रेलवे स्टेशनों के करीब 500 मीटर के क्षेत्र में 5 या उससे अधिक लोगों के एकत्रित होने पर रोक है।