बापू के पोते कानु रामदास गांधी का निधन

Update: 2016-11-07 21:22 GMT
गुजरात के डांडी गाँव में समुद्र तट पर बापू की लाठी पकड़े यह बच्चा ही कानु रामदास गांधी हैं।

लखनऊ। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पौत्र कानु रामदास गांधी (87 वर्ष) का सोमवार रात दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह सूरत के एक धर्मार्थ अस्पताल में भर्ती थे और कोमा में थे। वह वैज्ञानिक भी रह चुके हैं। बीते माह उन्हें दिल का दौरा पड़ा और मस्तिकाघात भी हुआ। लकवे के कारण आधा शरीर निष्क्रिय हो गया था।

महात्मा गांधी के साल 1930 के ऐतिहासिक नमक सत्याग्रह की याद आते ही दिमाग में आती है एक उत्साही बच्चे की तस्वीर। गुजरात के डांडी गाँव में समुद्र तट पर यह बच्चा अपने दादा मोहनदास करमचंद गांधी की लाठी को पकड़े हुए उन्हें आगे ले जाते दिख रहा है। आज आठ दशक बाद भी यह तस्वीर लोगों के जेहन में बसी हुई है। यह तस्वीर मुंबई के जुहू समुद्र तट और देश के अलग-अलग हिस्सों में बनाए गए संग्रहालयों में लगकर अमर हो चुकी है।

कानु रामदास गांधी कोमा में थे।

महात्मा गांधी के पौत्र थे कानु

वह बच्चा, कानु रामदास गांधी, का आज 87 साल निधन हो गया है। कानु अमेरिकी अंतरिक्ष संस्था नासा के पूर्व वैज्ञानिक रह चुके हैं। उनका अंत समय मुफलिसी में कटा।

दोस्ती निभा गए धीमंत बधिया

अहमदाबाद के धीमंत बधिया से जो बन पड़ रहा है, वह उन्होंने किया। वह कानु गांधी के पुराने मित्र और महात्मा गांधी के एक सहयोगी के पौत्र हैं। उन्होंने हाल में अपने पास से कानु गांधी के लिए 21000 रुपया दिया है।

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