इस बार के गणतंत्र दिवस परेड में नहीं दिखेगी उत्तर प्रदेश की झांकी, अखिलेश सरकार को झटका

Update: 2017-01-12 18:44 GMT
गणतंत्र दिवस परेड 2015 में उत्तर प्रदेश की झांकी। फोटो- साभार

लखनऊ। 68वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर 26 जनवरी, 2017 को नई दिल्ली के इंडिया गेट के राजपथ पर होने वाली परेड में उत्तर प्रदेश की झांकी नहीं दिखेगी। झांकियों के चयन के लिए रक्षा मंत्रालय की तरफ से बनाई गई विशेषज्ञ कमेटी ने उत्तर प्रदेश की झांकी में कई कमी पाते हुए इसे फाइनल अप्रूवल में रिजेक्ट कर दिया। यह उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार के साथ प्रदेश के लिए बड़ा झटका है।

गणतंत्र दिवस की परेड वह मौका होता है जब देश के विभिन्न राज्य देश-विदेश के लोगों को अपने प्रदेश की कला, संस्कृति, गौरवशाली इतिहास, समृद्ध विरासत और विकास को झांकियों के माध्यम से पेश करते हैं। इसके साथ ही केन्द्र सरकार के विभिन्न मंत्रालय भी अपने विभागों की बड़ी उपलब्धियों को झांकी के माध्यम से दिखाते हैं। लेकिन देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के हाथ से इस बार यह मौका निकल गया है।

यूपी की तरफ से ‘’ जीवंत बुंदेलखंड ‘’ थीम पर झांकी का प्रस्ताव भेजा गया था, जिसमें बुंदलेखंड की वीरता को रानी लक्ष्मीबाई और आल्हा-उदल के माध्यम से दिखाया जाना था। लेकिन प्रदेश को इस बार मौका नहीं मिला।
एस.के. ओझा निदेशक, उत्तर प्रदेश सूचना एवं जनसंपर्क विभाग

गणतंत्र दिवस की परेड में पिछले साल उत्तर प्रदेश की झांकी को शामिल किया था जिसमें जरदाई कला का प्रदर्शित किया गया था।

यूएई के शेख नहीं देख पाएंगे उत्तर प्रदेश की वैभवशाली विरासत और इतिहास

गणतंत्र दिवस की परेड में इस साल यूएई के शेख मोहम्मद बिन जाएद मुख्य अतिथि हैं। उनके साथ ही यूएई से कारोबारियों और विशेष लोगों का दल भी खास मेहमान है। ऐसे में देश के सभी राज्यों ने अपने झांकियो के माध्यम से अपने प्रदेश की अनूठी कला, संस्कृति और अपने राज्य के विकास को दिखाने की तैयारी की है लेकिन उत्तर प्रदेश इससे वंचित रह जाएगा।

उत्तर प्रदेश की साथ ही राजस्थान, मध्यप्रदेश, असम, हरियाणा और छत्तीसगढ‍़ भी वह राज्य हैं जिनकी झांकी को इस बार रिजेक्ट कर दिया गया है।

इस बार उत्तर प्रदेश ने काफी तैयारी के साथ प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के ऐतिहासिक और पयर्टन के लिहाज से महत्वपूर्ण दिखाने के लिए जीवंत बुंदलेखंड की थीम को प्रदर्शति किया था लेकिन झांकी का चयन करने वाली रक्षा मंत्रालय की विशेषज्ञ समिति ने उत्तर प्रदेश की झांकी का चयन नहीं किया।
अशोक कुमार बनर्जी संयुक्त निदेशक सूचना और जनसंपर्क विभाग उत्तर प्रदेश

झांकियों के चयन का तरीका

हर साल 26 जनवरी, गणतंत्र दिवस के मौके पर नई दिल्ली के राजपथ पर विभिन्न राज्यों को अपनी कला, संस्कृति और विकास को झांकी के माध्यम से दिखाने का मौका मिलता है। लेकिन, झांकी में शामिल होने के लिए रक्षा मंत्रालय की ओर से बनाई गई झांकी चयन की विशेषज्ञ समिति के सामने तमाम राज्यों को अपने राज्य की झांकी का प्रजेंटेशन देना होता है। इस समिति में सेना के अधिकारी, कला-संस्कृति जानकार लोग और कला की दुनिया से आने वाले बड़े कलाकार शामिल होते हैं।

15 अगस्त के बाद से शुरू हो जाती है झांकियों के चयन प्रक्रिया

झांकियों के थीम का प्रजटेंशन देखने के बाद यह झांकियों के चयन के अंतिम मंजूरी देते हैं। खास बात यह है कि झांकियों के चयन की यह प्रक्रिया 15 अगस्त के बाद से शुरू हो जाती है जो कई दौर के बाद जनवरी के पहले सप्ताह में पूरी की जाती है।

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