कंप्यूटर कोर्स का बहाना बनाकर सैफुल्ला के साथ रहते थे तीन और युवक

Update: 2017-03-08 20:14 GMT
मंगलवार को हुई मुठभेड़ का एक दृश्य।

निशांत श्रीवास्तव

लखनऊ। कंप्यूटर कोर्स करने की बात कही। तीन हजार रुपए महीना के किराये पर कमरा लिया और यूपी दहलाने की साजिश की जाने लगी। वे बस जुमे की नमाज के लिए हाजी कॉलोनी की मस्जिद तक जाते थे। सुबह आठ बजे घर से निकल कर दोपहर तक घर वापसी और फिर कमरे में बंद। हाजी कॉलोनी में आईएसआईएस माड्यूल कुछ इस तरह से काम कर रहे थे।

यहां चार आतंकी रहा करते थे। मगर पिछले तीन दिन से तीन गायब थे। केवल सैफुल्ला ही रुका हुआ था। सैफुल्ला एटीएस के ऑपरेशन में मारा गया। हाजी कालोनी में पुलिस और मीडिया का जमावड़ा कॉलोनी में लगा हुआ है। कुछ लोग दबी जुबान में सैफुल्ला के बारे में जानकारी दे रहे हैं।

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काकोरी मदरसा के मौलाना करीम बताते हैं कि बादशाह नाम का व्यक्ति इस घर का मालिक हैं जो सउदी अरब में रहता है। वे मलिहाबाद के रहने वाले हैं। हमने मकान मालिक के कहने पर एक महीने पहले चार लड़कों को तीन हजार रुपए किराये पर एक कमरा दिया था । ये लड़के खुद को कानपुर निवासी बता रहे थे। चारों लड़कों ने यह बता के कमरा लिया था कि वह कंप्यूटर की कोंचिग करने के लिए लखनऊ आए हैं। उनका नाम दानिश‚ इमारन‚ फैसल और सैफुल्लाह बताएं थे। करीम ने बताया कि सैफुल्ला व उसके साथी एक कमरे में रहता था। बगल वाले कमरे में महबूब नाम का टैक्सी ड्राइवर किराये पर रहता था जो कि घटना वाले दिन रूम पर नहीं था।

वहीं स्थानीय लोगों ने बताया कि संदिग्ध युवक मस्जिद में हर जुमा कि नमाज अदा करने पास के मस्जिद जरूर जाते थे। पड़ोसी नजीम ने बताया कि तीन दिन से एक ही लड़का दिख रहा था, लेकिन हमें कभी ऐसा लगा नहीं कि वो ऐसा होगा।

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