नई दिल्ली (भाषा)। नए साल के मौके पर राष्ट्र के नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन में विशेष रुप से उल्लेख किए गए मातृत्व लाभ कार्यक्रम (एमबीपी) अब हाल की बजट उद्घोषणा के तहत कोष की कमी के चलते पहले बच्चे के जन्म पर ही लाभ पहुंचाएगा।
संबंधित मंत्रालय के शीर्ष सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि केंद्रीय बजट में तय की गई 2700 करोड़ रुपए की रकम अपर्याप्त है इसलिए यह योजना खाली पहले बच्चे के जन्म पर लाभ पहुंचाने के लिए सीमित कर दी गई है।
बिडंबना है कि यह कटौती इसे सार्वभौमिक रुप देने की योजना के साथ की गई है। इसे सार्वभौमिक रुप देने की आवश्यकता भोजन के अधिकार कानून, 2013 से उत्पन्न हुई है।
पिछले साल 31 दिसंबर को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में मोदी ने वर्तमान इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना का पूरे देश में विस्तार करने की घोषणा की थी जो 2010 से प्रयोग के तौर पर 56 जिलों में चलाई जा रही थी।