मोदी ने रवांडा में दान की 200 गाएं, बोले, "गायों का सम्मान देख हैरान होंगे भारतीय"
मोदी ने दोनों देशों के ग्रामीण जीवन की समानताओं का जिक्र करते हुए उम्मीद जताई कि गिरिंका योजना के जरिए रवांडा के गांवों में बदलाव आएगा।
अफ्रीकी देश रवांडा के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्थानीय ग्रामीणों को 200 गाएं भेंट कीँ। ये गाएं रवांडा सरकार की गिरिंका योजना के तहत भेंट की गई हैं। मंगलवार को रवांडा के रेवरू गांव में हुए इस कार्यक्रम में रवांडा के राष्ट्रपति पॉल कगामे भी मौजूद थे।
Got a glimpse of rural life in Rwanda during the memorable visit to Rweru Model Village.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 24, 2018
I thank President @PaulKagame for accompanying me. Gifted 200 cows to villagers who do not yet own one, as a part of the Rwandan Government's Girinka Programme. pic.twitter.com/ZVxTCWnYJM
Rwanda: PM Narendra Modi gifts cows to 200 households in Rweru model village in Bugesera, under Rwandan Government's Girinka Programme. Girinka describes a centuries-old cultural practice in Rwanda whereby a cow was given by one person to another, as a sign of respect & gratitude pic.twitter.com/btuerdO7CA
— ANI (@ANI) July 24, 2018
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति कगामे की गिरिंका योजना की तारीफ करते हुए कहा, "भारत के लोग यह जानकर बहुत खुश होंगे कि दूर परदेश रवांडा में भी गाय को इतनी अहमियत दी जाती है और उन्हें आर्थिक सशक्तिकरण का माध्यम माना जाता है।" इसके अलावा मोदी ने दोनों देशों के ग्रामीण जीवन की समानताओं का जिक्र करते हुए उम्मीद जताई कि गिरिंका योजना के जरिए रवांडा के गांवों में बदलाव आएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 1994 नरसंहार में मारे गए 2,50,000 लोगों की याद में बने रवांडा के नरसंहार स्मारक केंद्र भी पहुंचे।
रवांडा की स्थानीय भाषा में गिरिंका शब्द को शुभकामना के तौर पर बोला जाता है जिसका मतलब है, "भगवान आपको गाय दे"। रवांडा में किसी का सम्मान करने और धन्यवाद देने के लिए उसे गाय भेंट की जाती है। गिरिंका योजना की शुरूआत राष्ट्रपति पॉल कगामे ने की थी। इसका मकसद ग्रामीण बच्चों में फैले व्यापक कुपोषण को दूर करना और पशुपालन व खेती के लिए प्रोत्साहन देकर ग्रामीणों की गरीबी को कम करना था। इस योजना की शुरुआत 2006 में हुई थी। जिसके बाद से 2016 तक 2,48,566 गाय गरीबों को दी चुकी हैं।